आधे घंटे से अधिक समय तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बार के इमरजेंसी वार्ड में घायल होमगार्ड स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। परिजन कमरे में मौजूद चिकिसक को बुलाते रहे। लेकिन वह बाहर नहीं निकला। तब तक होमगार्ड की मौत हो गई। परिजन और अस्पताल स्टाफ ने दरवाजा किसी प्रकार खोला तो चिकित्सक नशे में बिस्तर पर लेटा हुआ मोबाइल चलाता मिला।
‘तो इसमें मैं क्या करू, ठीक है मर जाने दो’
होमगार्ड के परिजनों ने कहा कि वह तुम्हे बुलाते रहे लेकिन वह बाहर नहीं आया और उनके मरीज की जान चली गई। चिकित्सक ने कहा, तो इसमें मैं क्या करू, ठीक है मर जाने दो। इस घटना का और चिकित्सक का ऐसा कहने का वीडियो वायरल हो रहा है।
रात ड्यूटी से लौट रहे थे मोहन लाल
थाना बार अंतर्गत ग्राम चुंगी निवासी होमगार्ड मोहन लाल (51) बुधवार की रात को थाना बानपुर से ड्यूटी करके वापस अपनी बाइक से घर जा रहा था। ग्राम मर्रोली व डेगना के बीच अज्ञात वाहन ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी। जिससे मोहनलाल गंभीर घायल हो गया। सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे और घायल को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बार पहुंचे।
परिवार वालों ने की जान बचाने की मिन्नतें
परिजनों का कहना है कि यहां मौके पर कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं मिला। यहां तैनात स्टॉफ व अन्य लोगों से मरीज को बचाने के काफी मिन्नतें कि पर कोई भी इलाज करने नहीं आया। सभी का कहना था कि डॉक्टर को आ जाने दो। इस पर जब चिकित्सक की जानकारी की तो वह कमरे में थे। दरवाजा अंदर से बंद था। काफी आवाज दी लेकिन दरवाजा नहीं खुला।
शराब के नशे में धुत था डॉक्टर
इस बीच घायल होमगार्ड की मौत हो गई। किसी प्रकार कमरे का दरवाजा खुला तो वह कमरे मे शराब के नशे मे धुत पड़े हुए मिले। जब उनसे कहा गया कि वह यहां शराब के नशे मे धुत पड़े हैं, यहां मेरे मरीज कि जान चली गई है। तब चिकित्सक ने कहा, तो इसमें मैं क्या करूं, ठीक है मर जाने दो। किसी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। वहीं मृतक के बड़े पुत्र राजकुमार ने शराब के नशे चिकिसक के होने और इलाज न करने के चलते उसके पिता की मौत हो जाने का आरोप लगाया है।