इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर से सामने आई इस बड़ी कार्रवाई ने पूरे प्रदेश के व्यापार जगत में हड़कंप मचा दिया है। गुटखा कारोबारी किशोर वाधवानी पर जीएसटी विभाग ने 1946 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड ठोंक दी है, जो अब तक मध्य प्रदेश में किसी एक कारोबारी के खिलाफ जारी की गई सबसे बड़ी जीएसटी मांग मानी जा रही है। जांच एजेंसियों के मुताबिक, साल 2017 से 2020 के बीच सिगरेट और पान मसाले के कारोबार की आड़ में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की गई। आरोप है कि बिना लाइसेंस चल रही फैक्ट्रियों, फर्जी कंपनियों के नेटवर्क, बिना बिल बिक्री और गलत इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया गया।
इस पूरे महाघोटाले का खुलासा डीजीजीआई द्वारा वर्ष 2020 में चलाए गए विशेष अभियान ऑपरेशन कर्क के दौरान हुआ। जांच में डिजिटल डेटा, बैंक ट्रांजेक्शन, खातों की डिटेल और कागजी दस्तावेजों की गहराई से पड़ताल की गई। एजेंसियों के अनुसार, परतदार फर्मों, फर्जी बिलों और बेनामी लेन-देन के जरिए टैक्स सिस्टम को लंबे समय तक गुमराह किया जाता रहा। कई स्थानों पर सिगरेट और पान मसाले का उत्पादन ऐसे ठिकानों पर होता रहा, जिनका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड तक मौजूद नहीं था।
जीएसटी विभाग द्वारा ऑर्डर जारी होने के बाद अब वसूली की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। एलोरा टोबैको और उससे जुड़ी अन्य कंपनियां भी जांच के दायरे में आ चुकी हैं। तय समय सीमा में टैक्स राशि जमा नहीं होने की स्थिति में संपत्तियों की कुर्की, बैंक खातों को सील करने और माल जब्त करने जैसी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
गौरतलब है कि साल 2019 में ही डीजीजीआई की टीम ने किशोर वाधवानी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की थी, जहां से बड़ी मात्रा में दस्तावेज, हार्ड डिस्क, मोबाइल डेटा और लेन-देन से जुड़े अहम सबूत जब्त किए गए थे। इन सबूतों की गहन जांच में कई साल लगे और अब जाकर 2025 में विभाग ने यह ऐतिहासिक डिमांड ऑर्डर जारी किया है।
करीब दो हजार करोड़ रुपए की इस कार्रवाई ने न केवल इंदौर बल्कि पूरे प्रदेश के कारोबारी गलियारों में हलचल मचा दी है। टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई एक मिसाल बन सकती है और बड़े कारोबारियों के लिए साफ संदेश है कि अब टैक्स चोरी करने वालों पर कोई रियायत नहीं दी जाएगी।
जीएसटी अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि कानून से बचकर राजस्व की चोरी करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना ही बड़ा कारोबारी क्यों न हो। फिलहाल किशोर वाधवानी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।

