प्रदेश में 2026 होगा कृषि एवं किसान वर्ष—सीएम मोहन यादव ने सहकारी संस्थाओं को दिया सशक्तिकरण का बड़ा मंत्र

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कहा है कि किसानों को मजबूत बनाना और उनकी आर्थिक स्थिति सुधारना ही सहकारी संस्थाओं का सबसे बड़ा उद्देश्य है। इसी सोच के साथ प्रदेश में वर्ष 2026 को कृषि एवं किसान वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया गया है। सीएम ने निर्देश दिया कि किसानों को सही दाम और बेहतर सुविधा देने के लिए कृषि विपणन सहकारी समितियों को अत्यंत मजबूत किया जाए। फसल चक्र के हिसाब से किसानों को जो भी संसाधन चाहिए, वो समय पर और आसानी से उपलब्ध हों—इसके लिए सहकारिता विभाग को तुरंत और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी समितियों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए उनका तेजी से कंप्यूटराइजेशन किया जाए, ताकि किसानों को हर प्रक्रिया सरल और साफ-सुथरी दिखाई दे। साथ ही समिति पदाधिकारियों के लिए हर साल अनिवार्य रूप से संपत्ति विवरण देने का नियम लागू करने के आदेश भी दिए। पंचायत स्तर पर नए पैक्स स्थापित करने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने बैठक में दिए। सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग द्वारा इस दौरान अपेक्स बैंक की 4 करोड़ 27 लाख 4 हजार 190 रुपए की अंश पूंजी का लाभांश चेक सीएम को भेंट किया गया।

बैठक में कृषि ऋण वितरण, खाद-बीज सप्लाई, समर्थन मूल्य पर उपार्जन, उचित मूल्य दुकानों के संचालन और पिछले दो वर्षों में सहकारिता विभाग द्वारा हासिल उपलब्धियों का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। साथ ही आने वाले तीन साल की कार्य योजना पर भी चर्चा हुई। सहकारिता विभाग की हाल की उपलब्धियों में—कमजोर जिला बैंकों को अंशपूंजी सहायता, एम-पैक्स का कंप्यूटराइजेशन और ऑनलाइन ऑडिट, किसानों को एसएमएस के जरिए खातों की जानकारी, पैक्स मैनेजर के लिए कैडर व्यवस्था, नई भर्तियाँ, बहुउद्देश्यीय गतिविधियों की शुरुआत, हजारों कॉमन सर्विस सेंटर और किसान समृद्धि केंद्र, माइक्रो एटीएम वितरण, सहकारी कानूनों में संशोधन, बासमती धान खरीद के लिए कंपनियों से अनुबंध और एमपी चीता ब्रांड का लॉन्च शामिल हैं।

इसके साथ ही भविष्य की योजना में पैक्स के डिफॉल्टर किसानों को मुख्य धारा में लाना, क्यूआर कोड सुविधा, जिला बैंकों में इंटरनेट बैंकिंग, और युवाओं व महिलाओं के कौशल विकास को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्य शामिल किए गए हैं। सीएम यादव ने कहा कि सहकारिता का उद्देश्य सिर्फ व्यवस्था चलाना नहीं, बल्कि किसानों के जीवन में असली परिवर्तन लाना है—और 2026 इसी मिशन को समर्पित होगा।

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