एनडीए की जीत हुई तो मुख्यमंत्री कौन? उपेंद्र कुशवाहा ने किया बड़ा खुलासा — खत्म हुआ सस्पेंस!

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब पूरी तरह गर्म हो चुका है, और इस बीच सबसे बड़ा सवाल उठ रहा था — अगर एनडीए की जीत होती है, तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस पर अब खुद राष्ट्रीय लोक जनता दल (RLM) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने तस्वीर साफ कर दी है।

पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान कुशवाहा ने कहा — “एनडीए के मुख्यमंत्री का चेहरा कोई और नहीं, बल्कि वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही हैं। बिहार का चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है और हमें पूरा विश्वास है कि हम जीतेंगे।”

उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि क्या भाजपा किसी नए चेहरे को आगे करेगी या फिर नीतीश कुमार ही एक बार फिर एनडीए की ओर से नेतृत्व करेंगे। लेकिन कुशवाहा के इस बयान ने सारी अटकलों पर विराम लगा दिया है।

कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने पिछले दो दशकों में बिहार के विकास की दिशा तय की है। सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में राज्य ने बड़ी प्रगति की है। खासकर लड़कियों की शिक्षा को लेकर उनकी योजनाएं जैसे साइकिल योजना और पोशाक योजना आज भी लोगों की ज़ुबान पर हैं। उन्होंने कहा कि “नीतीश कुमार का ट्रैक रिकॉर्ड ही यह साबित करता है कि वे बिहार के लिए सही विकल्प हैं।”

हालांकि, नीतीश सरकार को शराबबंदी जैसे फैसलों को लेकर आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा है, लेकिन कुशवाहा का कहना है कि “एक सच्चा नेता वही होता है जो मुश्किल फैसले लेने से पीछे न हटे।”

बात अगर राजनीति की करें तो उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी RLM हाल ही में फिर से एनडीए में शामिल हुई है। कभी नीतीश कुमार के खिलाफ तीखे बयान देने वाले कुशवाहा अब पूरी मजबूती से उनके साथ खड़े दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि “राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन बिहार के विकास के लिए सबको एकजुट होकर काम करना होगा।”

वहीं दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की कोशिश है कि बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर एनडीए को घेरा जाए। लेकिन एनडीए का मानना है कि उनके पास जनता के सामने दिखाने के लिए “विकास का रिपोर्ट कार्ड” है, और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है।

कुल मिलाकर अब यह साफ हो गया है कि अगर बिहार में एनडीए की सरकार बनती है — तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार ही बैठेंगे।
राजनीति के इस खेल में एक बार फिर “सुशासन बाबू” की वापसी की पटकथा तैयार दिख रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *