जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शनिवार को मोतिहारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बिहारवासियों से भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब जनता को अपने भविष्य के लिए खुद जिम्मेदारी लेनी होगी। जन सुराज कोई राजनीतिक पार्टी नहीं, बल्कि बिहार को नई दिशा देने वाला जन आंदोलन है। यह लड़ाई सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि हर उस बिहारी की है जो अपने बच्चों का भविष्य सुधारना चाहता है।
किशोर ने शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति को सुधारने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों से जन सुराज यात्रा के माध्यम से बिहार के कोने-कोने में जाकर लोगों की समस्याएं सुनी जा रही हैं और एक वैकल्पिक व्यवस्था की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उनका कहना है कि यह आंदोलन सिर्फ सत्ता पाने के लिए नहीं है, बल्कि रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए है।
जनसभा में किशोर ने जनता से अपील की कि इस बार जाति या परिवारवाद के आधार पर वोट न दें, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करें। उन्होंने कहा कि नेताओं के बच्चों के लिए बहुत वोटिंग हो चुकी है, अब एक बार अपने बच्चों के लिए भी सोचें। किशोर ने बिहार की सबसे बड़ी समस्याओं बेरोजगारी और पलायन पर भी बात की और बताया कि लाखों युवा रोजगार की तलाश में राज्य छोड़ने को मजबूर हैं, जबकि राजनीतिक दल केवल सत्ता की राजनीति में उलझे हैं।
उन्होंने लोगों से कहा कि अपने गांव और मोहल्ले की जिम्मेदारी खुद लें। कोई बाहरी नेता आपकी तकदीर नहीं बदल सकता अगर आप खुद अपने क्षेत्र में बदलाव नहीं लाएंगे। किशोर ने बताया कि जन सुराज का लक्ष्य राजनीति को समाज से जोड़ना और शासन तथा जनता के बीच की दूरी खत्म करना है।
सभा में किशोर ने घोषणा की कि जन सुराज पार्टी ने बिहार के हर जिले में उम्मीदवार उतार दिए हैं। उनका मकसद किसी व्यक्ति या परिवार को सत्ता में लाना नहीं, बल्कि जनता को निर्णय की असली ताकत देना है।
अंत में किशोर ने कहा कि अगर जनता साथ देगी तो बिहार आने वाले वर्षों में पलायन और गरीबी के बजाय रोजगार और विकास के लिए जाना जाएगा। जनता ने उनके भाषण का जोरदार स्वागत किया और युवाओं ने नारे लगाए। प्रशांत किशोर की यह अपील बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ रही है — क्या इस बार जनता अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट देने को तैयार है?

