बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, बयानबाज़ी का दौर भी तेज़ हो चुका है।
छपरा विधानसभा सीट से आरजेडी उम्मीदवार और भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने मंगलवार को एक ऐसा बयान दिया, जिसने सियासी माहौल और भी गर्मा दिया।
खेसारी लाल यादव ने साफ कहा —
“महागठबंधन हमेशा रोजगार और पलायन रोकने की बात करता है। हमने बिहार की उन्नति की बात की है, लेकिन अगर आप विपक्ष की तरफ देखें, तो वे कभी नौकरियों या रोजगार पर चर्चा नहीं करते। किसी भी नेता से पूछिए, तो वे मंदिर-मस्जिद, हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान या धर्म-अधर्म की बातें करेंगे — लेकिन बिहार के युवाओं की बात कोई नहीं करेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि उनकी प्राथमिकता सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के युवाओं को नौकरी देना और राज्य से हो रहे पलायन को रोकना है।
खेसारी ने कहा — “हम चाहते हैं कि बिहार का युवा अपने घर पर रहकर काम करे, अपने परिवार के साथ जिए।
हमारी लड़ाई रोज़गार और सम्मान की है, न कि धर्म और जाति की।”
भोजपुरी स्टार ने जनता से अपील करते हुए कहा —
“इस बार वोट जाति या धर्म देखकर नहीं, बल्कि अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर दीजिए।
अगर बिहार को आगे बढ़ाना है, तो बात रोजगार और विकास की होनी चाहिए, ना कि मंदिर-मस्जिद की।”
खेसारी लाल यादव के इस बयान ने चुनावी माहौल में नया मोड़ ला दिया है।
जहाँ विपक्ष लगातार हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की बात कर रहा है, वहीं खेसारी ने सीधे जनता के मुद्दों — रोजगार और पलायन — को चुनाव का असली मुद्दा बना दिया है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या खेसारी की यह “विकास वाली पिच” जनता के दिल में जगह बना पाएगी,
या फिर धर्म और राजनीति का शोर इस आवाज़ को दबा देगा।

