प्रशांत किशोर को चुनाव आयोग का नोटिस — दो राज्यों की वोटर लिस्ट में नाम, 3 दिन में देना होगा जवाब

पटना। जन सुराज अभियान के प्रमुख और मशहूर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार किसी चुनावी प्लान की वजह से नहीं, बल्कि एक बड़े विवाद के कारण।
निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है और तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

दरअसल, आयोग को यह पता चला है कि प्रशांत किशोर का नाम दो अलग-अलग राज्यों — बिहार और पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट में दर्ज है।
पश्चिम बंगाल में उनका नाम भबानीपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र “सेंट हेलेन स्कूल, बी. रानीशंकरी लेन” में दर्ज है।
वहीं, बिहार में उनका पंजीकरण करगहर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 367 (मध्य विद्यालय, कोनार, उत्तर भाग) पर पाया गया है।
बिहार में उनके मतदाता पहचान पत्र की संख्या IUI3123718 बताई गई है।

अब सवाल ये उठ रहा है — एक व्यक्ति का नाम दो राज्यों की वोटर लिस्ट में कैसे हो सकता है?
कानून के मुताबिक, किसी भी नागरिक का नाम केवल एक निर्वाचन क्षेत्र में ही दर्ज हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर या लापरवाही में ऐसा करता है, तो उसे एक साल की जेल, जुर्माना, या दोनों सज़ाएं हो सकती हैं।

इस विवाद पर चिराग पासवान ने भी टिप्पणी करते हुए प्रशांत किशोर पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा — “प्रशांत किशोर जैसे अनुभवी और समझदार व्यक्ति से ऐसी गलती की उम्मीद नहीं थी। जिनके घर शीशे के होते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए। जब आप लोगों को चुनाव जिताने में मदद करते हैं, तो खुद ऐसी गड़बड़ी नहीं करनी चाहिए।”
चिराग ने इसे नैतिक जिम्मेदारी का मामला बताया और कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वालों को ऐसे मामलों से बचना चाहिए।

फिलहाल, प्रशांत किशोर की ओर से इस नोटिस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
लेकिन चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला कानूनी और राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर गंभीर है।
अगर उन्होंने समय पर ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया, तो यह विवाद उनकी साख और राजनीतिक भविष्य — दोनों पर असर डाल सकता है।

अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि प्रशांत किशोर तीन दिनों में क्या जवाब देते हैं — गलती मानते हैं या कोई बड़ा खुलासा करते हैं।

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