बिहार चुनाव का माहौल गरम है और सुर उठे हैं — खासकर तब जब प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में NDA की प्रचार गाड़ियों पर हमलों की खबरें आने लगीं। बेगूसराय से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इन घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया और विपक्षी दलों पर तीखे आरोप लगाए।
गिरिराज ने कहा कि तेघड़ा, बेगूसराय और बखरी विधानसभा क्षेत्रों में NDA की प्रचार गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई है। उन्होंने सवाल उठाया — क्या हमारे प्रत्याशी और कार्यकर्ता अब अपना प्रचार नहीं कर पाएँगे? गिरिराज ने इस हिंसा को बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी और स्पष्ट कहा कि प्रचार गाड़ियाँ रुकी नहीं रहेंगी और किसी भी तरह की तोड़फोड़ स्वीकार्य नहीं होगी।
विशेषकर कारीचक के घटनाक्रम पर गिरिराज ने तीखा स्वर अपनाया — कहा कि लगता है जैसे कारीचक अब पाकिस्तान बन गया है, जहाँ से NDA की गाड़ी को गुजरने तक की इजाज़त नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि कारीचक बेगूसराय का हिस्सा है, पाकिस्तान का नहीं; यह भारत का हिस्सा है और यहाँ किसी भी तरह के अलगाव या दमन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गिरिराज ने प्रशासन को भी चुनौती दी — जो लोग इन घटनाओं में संलिप्त हैं, उन्हें चिन्हित कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने साफ कहा कि अगर ऐसी हरकतें दोहराई गईं तो वे चुप नहीं बैठेंगे — “मैं आज चेतावनी देता हूँ, ऐसा हुआ तो अब बाज़ नहीं आऊँगा।”
उनका कहना था कि NDA के कार्यकर्ता गलत कृत्य नहीं कर रहे; जो हिंसक घटना हुई है वह विपक्ष की ओर से होती नजर आ रही है और इसके लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। गिरिराज की यह टिप्पणी लोकल तनाव को और बढ़ा सकती है, क्योंकि उन्होंने साफ शब्दों में जवाब देने की बात दोहराई।
अब सवाल यह है — प्रशासन इन आरोपों और हिंसक घटनाओं को कैसे नियंत्रित करेगा, और क्या चुनावी प्रचार शांतिपूर्ण ढंग से जारी रह सकेगा? बिहार के मतदाता और सुरक्षा तंत्र दोनों की नज़रें अब बेगूसराय पर टिकी हुई हैं।

