बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सोशल मीडिया पर गर्मी बढ़ती जा रही है। लेकिन इस बार चुनाव आयोग और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) पूरी तरह एक्टिव मोड में है।
ईओयू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार यूट्यूब चैनलों पर एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि इन चैनलों ने धार्मिक और जातीय आधार पर भ्रामक सामग्री फैलाई, जिससे मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि बीजेपी, कांग्रेस और आरजेडी से जुड़े कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स से आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट शेयर किए जा रहे थे। इन पोस्ट्स में धर्म और जाति के नाम पर नफरत फैलाने का प्रयास हुआ था। जांच पूरी होने के बाद तीनों दलों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, ईओयू की टीम ने 24 घंटे की मॉनिटरिंग सेल तैयार की है, जो तीन शिफ्टों में लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रख रही है। चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक अब तक 67 संदिग्ध लिंक की जांच में 25 हैंडलर्स के खिलाफ 21 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।
यही नहीं, AI और Deepfake वीडियो पर भी सख्त कार्रवाई शुरू हो चुकी है। अब तक छह मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है और 17 संदिग्ध वीडियो लिंक हटवाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। दो वेबसाइट्स को ब्लॉक करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा गया है।
ईओयू ने यह भी खुलासा किया है कि अब तक 184 आपत्तिजनक पोस्ट हटाई या लॉक की गई हैं, और करीब 135 सोशल मीडिया हैंडल्स की पहचान की गई है जिनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। इनमें 40 प्रोफाइल, 28 यूट्यूब चैनल और 77 डिजिटल अकाउंट्स शामिल हैं।
जैसे-जैसे चुनाव प्रचार तेज हो रहा है, वैसे-वैसे ईओयू की सख्ती भी बढ़ती जा रही है। विभाग ने साफ चेतावनी दी है — “चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।”
चुनाव आयोग की निगरानी में बिहार का डिजिटल मैदान अब पूरी तरह अलर्ट है —
अब फेक न्यूज़ फैलाना पड़ेगा भारी, क्योंकि निगाहें सब पर हैं!

