बिहार की सियासत आज एक बार फिर सेंसर की सुर्खियों में है — मोकामा की टकराती रैलियों में हुई खूनी झड़प के बाद दुलारचंद यादव का शव मिलने से इलाके में सनसनी मची हुई है। राजनैतिक रंग के इस विवाद में मृतक के परिवार ने सीधे जेडीयू के उम्मीदवार अनंत सिंह पर हत्या का आरोप लगाया है, और मृतक के पोते रविरंजन कुमार ने बिहार सरकार तथा पुलिस प्रशासन को ४८ घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है।
परिवार का कहना है कि घटना योजनाबद्ध तरीके से हुई — पहले गोली चली और फिर गाड़ी चढ़ाई गई; आरोप यह भी है कि हमले के पीछे राजनीतिक रंजिश और काफिलों की भिड़ंत थी। दूसरी ओर अनंत सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि यह साजिश है और कुछ लोगों ने पहले से सड़क पर ईंट-पत्थर रख कर провोकेशन किया था।
स्थानीय पुलिस ने मौके पर तीन क्षतिग्रस्त वाहन जब्त किए और मामले की जांच शुरू कर दी है; फॉरेंसिक टीम और एफआईआर की प्रक्रिया जारी बताई जा रही है। मोकामा में इस त्रिकोणीय मुकाबले — जेडीयू, आरजेडी और जन सुराज पार्टी — ने पहले से ही भावनात्मक तस्वीर बना रखी थी, और अब यह घटना चुनावी माहौल को और गर्म कर देगी।
परिवार और जनसुराज के लोग दोषियों को कठोर सज़ा की मांग कर रहे हैं, जबकि प्रशासन से शांति बनाए रखने और निष्पक्ष जांच की अपील भी बढ़ रही है। यद्यपि परिजनों की व्यथा और गुस्सा समझ में आता है, लेकिन कानून के बाहर किसी भी प्रकार की बदला लेने की चेतावनी लोकतंत्र और सुरक्षात्मक व्यवस्था के लिए खतरनाक हो सकती है — इसलिए अब सबकी नजरें पुलिस जांच, एफआईआर और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं कि वे किस तरह सच्चाई सामने लाते हैं और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होती है।

