बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा की धरती एक बार फिर सियासी हलचल का केंद्र बन गई है। गुरुवार को हुई गोलीबारी ने पूरे राज्य की राजनीति को हिला कर रख दिया है। जन सुराज पार्टी और जदयू प्रत्याशी के काफिलों के बीच मामूली टक्कर ने देखते ही देखते खूनी संघर्ष का रूप ले लिया, और इसी भिड़ंत में बाहुबली दुलारचंद यादव की गोली लगने से मौत हो गई। इस वारदात के बाद मोकामा का माहौल पूरी तरह तनावपूर्ण हो चुका है।
घटना पर गहरा दुख जताते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने इसे बेहद निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच कराएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा — चाहे वो कितना भी बड़ा या प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार न्याय और विकास दोनों के लिए प्रतिबद्ध है, और इस सरकार में कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है।
इसी बीच, श्रवण कुमार ने विपक्ष पर भी तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जो लोग आज सरकार पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। वर्षों तक जिन्होंने बिहार को अंधकार में धकेल दिया, वे अब नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं। एनडीए की सरकार बयानबाज़ी नहीं, बल्कि धरातल पर विकास के काम कर रही है — यह फर्क जनता भी जानती है और देख भी रही है।
मोकामा में फिलहाल हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रशासन ने भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी है, और इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। जिला प्रशासन ने साफ कहा है कि कानून व्यवस्था से किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना ने मोकामा के चुनावी माहौल को पूरी तरह बदल दिया है। जहां अब तक मुकाबला जन सुराज और जदयू के बीच सीमित दिख रहा था, वहीं अब यह सीट पूरे बिहार की सियासत का केंद्र बन गई है। क्या यह गोलीकांड चुनावी समीकरणों को बदल देगा — ये तो आने वाले कुछ दिनों में ही साफ होगा, लेकिन इतना तय है कि मोकामा अब पूरे बिहार के राजनीतिक नक्शे पर सबसे हॉट सीट बन चुकी है।

