सीपीआई के नेता बोले, संविधान और लोकतंत्र पर मंडरा रहा खतरा, कॉर्पोरेट घरानों के हित में भाजपा सरकार कर रही काम

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राजनीतिक हमलों का दौर और तेज़ हो गया है।
शनिवार को बिहारशरीफ से एक बड़ी खबर सामने आई, जहां भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने केंद्र की मोदी सरकार और एनडीए गठबंधन पर सीधा हमला बोला।
मंसूरनगर स्थित सीपीआई कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि देश में संविधान और लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है, और मौजूदा सरकार केवल कॉर्पोरेट घरानों के हित में काम कर रही है।

डी. राजा ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए गठबंधन पूरी तरह से झूठ और जुमलों पर टिका है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का चुनावी घोषणापत्र सिर्फ दिखावे के लिए तैयार किया गया दस्तावेज़ है, जिसमें जनता की असली समस्याओं को पूरी तरह दरकिनार कर दिया गया है।
उन्होंने याद दिलाया कि मोदी सरकार ने हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये डालने और काला धन वापस लाने का वादा किया था, लेकिन आज तक उन वादों का कोई अता-पता नहीं है।

सीपीआई महासचिव ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार जनता के नहीं, बल्कि पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के हित में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि आज देश में महंगाई चरम पर है, बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, मजदूर पलायन कर रहे हैं…
लेकिन सरकार इन समस्याओं से ध्यान हटाकर धर्म और प्रचार की राजनीति में उलझी है।

डी. राजा ने कहा कि भाजपा चुनावों से पहले बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन सत्ता में आते ही जनता की परेशानियों को भूल जाती है।
उन्होंने कहा — “देश को अब झूठे नारों से नहीं, सच्ची जनवादी राजनीति की जरूरत है।”
सभा में उन्होंने बिहारशरीफ से सीपीआई समर्थित उम्मीदवार शिवकुमार यादव के पक्ष में जनता से समर्थन की अपील की।
डी. राजा ने कहा कि शिवकुमार यादव जैसे नेता ही वास्तव में किसानों, मजदूरों, छात्रों और बेरोजगार युवाओं की आवाज़ हैं।
उन्होंने जनता से कहा कि वे झूठे वादों के जाल में न फंसें और ऐसी राजनीति को समर्थन दें जो सच्चाई और समानता के सिद्धांत पर टिकी हो।

डी. राजा ने कहा कि भाजपा की नीतियां देश को सामाजिक और आर्थिक रूप से बांट रही हैं, जिससे संविधान और लोकतंत्र दोनों पर खतरा मंडरा रहा है।
उन्होंने कहा कि वामपंथी दल इस लड़ाई को सड़कों से लेकर संसद तक ले जाएंगे।

सभा के अंत में कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारे लगाए —
“झूठ और जुमलों की सरकार नहीं चलेगी!”
और
“जनता के अधिकारों के लिए लाल झंडा बुलंद रहेगा!”

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