भोपाल/पटना। Bihar Vidhan Sabha Chunav-2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहे हैं, प्रदेश का माहौल चुनावी जोश से भरता जा रहा है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2 नवंबर को मधुबनी और पटना में जोरदार प्रचार किया। उन्होंने मधुबनी की फुलरास विधानसभा से शीला कुमारी और पटना की फतुहा विधानसभा से रूपा कुमारी के लिए रोड शो किया और जनता से समर्थन मांगा। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि कांग्रेस को अब चुनाव लड़ने का कोई अधिकार नहीं रह गया, क्योंकि उसकी नजर केवल वोट पर है, जनता के हित पर नहीं। उन्होंने जनता से अपील की — जब कांग्रेसी आपके घर आएं और कहें कि वे भगवान राम के भक्त हैं, तो उनसे पूछिए कि क्या वे मथुरा में भगवान कृष्ण के मंदिर के निर्माण का समर्थन करेंगे?
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चुनाव परिवारवाद और राष्ट्रवाद के बीच की लड़ाई है। जनता का जोश बता रहा है कि जब परिणाम आएगा, तो हमारी बहनें विजयी होंगी। उन्होंने कहा कि जब तक हर वोट एनडीए के पक्ष में नहीं पड़ जाता, तब तक कोई भी शांति से न बैठे। डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बिहार की धरती पर आना अपने आप में सम्मान की बात है। मधुबनी का नाम सुनते ही मन प्रसन्न हो जाता है। यहां की मधुबनी पेंटिंग और राजसी पाग भारत की गौरवशाली पहचान हैं। उन्होंने कहा कि हमारी शीला बहन एक ऐसी उम्मीदवार हैं जो घर और समाज दोनों को संभालना जानती हैं। माताएं और बहनें हमारे लिए पूजनीय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माताओं-बहनों के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए अनगिनत योजनाएं शुरू की हैं, और 2029 के बाद उन्हें संसद और विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कर्पूरी ठाकुर की धरती है, और अगर किसी ने उन्हें भारत रत्न दिया, तो वह एनडीए की सरकार है। कांग्रेस ने हमेशा भारत रत्न अपने परिवार में ही बांट दिए — नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी तक ही सीमित रखा। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के असली नायकों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि गरीब परिवार का आदमी अगर अच्छा काम करता है, तो एनडीए ही उसे आगे बढ़ाता है। यही “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास” का असली अर्थ है।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जब एनडीए सरकार ने बिहार की बहनों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी, तो कांग्रेस बेचैन हो उठी। उन्हें लगा जैसे उनकी जेब कट गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो शुरुआत की है, वह आगे जाकर दो लाख रुपये तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों और जवानों को एक समान सम्मान दिया है। किसान की मेहनत से देश का पेट भरता है और जवान की वीरता से देश सुरक्षित रहता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी मां सीता के ननिहाल से आते हैं, और बिहार हमारे लिए श्रद्धा का केंद्र है। कांग्रेस को तो इस चुनाव में प्रत्याशी भी नहीं उतारना चाहिए था, क्योंकि उसने भगवान राम के साथ सबसे बड़ा अन्याय किया। उसने कोर्ट में जाकर राम जन्मभूमि के अस्तित्व पर ही सवाल उठाए थे। लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया, तो देश में एकता दिखाई दी और प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन किया। मंदिर बन गया, लेकिन कहीं दंगे नहीं हुए, क्योंकि यह देश एक है। उन्होंने सवाल किया — क्या किसी ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या सोनिया गांधी को राम मंदिर जाते देखा? नहीं, क्योंकि उनके लिए राम आस्था नहीं, राजनीति हैं।
डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का नया युग चल रहा है। उन्होंने धार्मिक पर्यटन को भी आर्थिक विकास से जोड़ा। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उज्जैन का महाकाल लोक बनने के बाद वहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु आने लगे हैं, जिससे लोगों की जिंदगी बदल गई। अब बिहार में भी माता सीता से जुड़े सभी स्थलों को भव्य तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा।
अंत में मुख्यमंत्री ने जनता से कहा कि जब कांग्रेसी आपके घर आएं और कहें “राम हमारे भी हैं,” तो उनसे कहिए — तुमने तो उनके जन्म पर ही सवाल उठाए थे। अब अगर दम है तो कहो कि मथुरा में मंदिर बनाओगे। लेकिन वे नहीं कहेंगे, क्योंकि वे केवल वोट के भूखे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी सिर्फ बातें नहीं करती, काम करती है। मैं खुद यदुवंश का हूं, फिर भी पार्टी ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया, क्योंकि हमारे यहां जाति नहीं, कर्म की कीमत होती है। यही फर्क है एनडीए और बाकी पार्टियों में।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जोश से भरे अंदाज़ में कहा — यह चुनाव परिवारवाद और राष्ट्रवाद की लड़ाई है। और बिहार की जनता का उत्साह बता रहा है कि जीत राष्ट्रवाद की होगी। आइए, हम सब मिलकर संकल्प लें — जब तक एक-एक वोट एनडीए के पक्ष में नहीं पड़ जाता, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे।

