पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण की वोटिंग गुरुवार को शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गई। सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक जबरदस्त मतदान हुआ, और इस बार राज्य में रिकॉर्ड 64.46% वोट पड़े। ये आंकड़ा 2020 के मुकाबले करीब 7.5 प्रतिशत अधिक है। पिछली बार पहले चरण में सिर्फ 56.9% मतदान हुआ था, लेकिन इस बार का जोश कुछ और ही था — खासकर ग्रामीण इलाकों में लोगों ने लोकतंत्र का असली त्योहार मनाया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद गुंजियाल ने बताया कि इस बार महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से भी ज्यादा रही, जो लोकतंत्र के लिए बेहद शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि 400 से अधिक मतदान केंद्रों की रिपोर्ट अभी बाकी है, इसलिए ये आंकड़ा और बढ़ सकता है।
हालांकि, शहरों में उत्साह थोड़ा कम नजर आया। राजधानी पटना की तीन सीटों — कुम्हरार, दीघा और बांकीपुर — पर सबसे कम वोटिंग दर्ज की गई, जहां औसतन 40 प्रतिशत से भी कम लोगों ने मतदान किया। वहीं ग्रामीण इलाकों में लोगों ने लोकतंत्र का उत्सव पूरे जोश से मनाया।
पहले चरण की वोटिंग के साथ ही 18 जिलों की 121 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत अब EVM में कैद हो गई है। कुल 1314 प्रत्याशी मैदान में हैं — जिनमें 104 सीटों पर सीधा मुकाबला है, जबकि 17 सीटों पर त्रिकोणीय जंग देखने को मिली।
भोजपुर जिले में भी मतदान शांति और उत्साह के साथ पूरा हुआ। जिले की सातों सीटों पर लोगों ने बड़ी संख्या में वोट डाले। संदेश विधानसभा ने सबसे ज्यादा 58.01% मतदान दर्ज किया, जबकि आरा विधानसभा सबसे नीचे रही, जहां केवल 45.07% वोटिंग हुई। जगदीशपुर, बरहरा और शाहपुर जैसे इलाकों में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी ने चुनावी माहौल को और जीवंत बना दिया।
इस चरण में कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर है। दो डिप्टी सीएम समेत 18 मंत्री मैदान में हैं। तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और अनंत सिंह जैसी बड़ी सीटों पर पूरे बिहार की निगाहें टिकी हुई हैं।
अब जनता ने अपना फैसला EVM में कैद कर दिया है — और 14 नवंबर को नतीजे बताएंगे कि आखिर इस बार बिहार की सत्ता की चाबी किसके हाथ में जाएगी।

