बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गया जिले के बेलागंज में हुई जनसभा के दौरान एक बड़ा हादसा टल गया। मंच पर जैसे ही नीतीश कुमार पहुंचे, समर्थकों की भीड़ ने उनका स्वागत करने के लिए मंच पर चढ़ाई कर दी। भारी भीड़ और वजन के कारण मंच का बीच का हिस्सा अचानक धंस गया और जोरदार आवाज के साथ एक तरफ झुक गया। कुछ पल के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से मुख्यमंत्री को तुरंत सुरक्षित निकाल लिया गया।
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री को फूलों की 20 किलो की विशाल माला पहनाने के लिए कई नेता और कार्यकर्ता एक साथ मंच पर चढ़ गए थे। भीड़ का दबाव इतना बढ़ा कि मंच का एक हिस्सा टूट गया। बाद में सुरक्षा बलों ने सभी लोगों को नीचे उतरने का निर्देश दिया और नीतीश कुमार को वहां से सुरक्षित बाहर ले जाया गया। सभा के अंत में भी एक बार मंच का दूसरा हिस्सा धंस गया, जिसके बाद मुख्यमंत्री को कड़ी सुरक्षा में बाहर ले जाया गया।
बेलागंज की इस घटना के कुछ समय बाद नीतीश कुमार ने औरंगाबाद के रफीगंज में एक और जनसभा को संबोधित किया। वहां उन्होंने विपक्ष पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि “पहली सरकार ने बिहार के लिए कुछ नहीं किया। वे सिर्फ अपने परिवार के लिए राजनीति करते थे। जब खुद कुर्सी छोड़ी, तो अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने बिहार में विकास और विश्वास दोनों लौटाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005 से पहले बिहार भय और अपराध के साए में था। न सड़कें थीं, न बिजली, न शिक्षा और न ही इलाज की सुविधा। लोग शाम के बाद घरों से निकलने में डरते थे। उन्होंने कहा कि अब बिहार बदल चुका है — आज हर व्यक्ति सुरक्षित है, लड़कियां बिना डर के स्कूल जा सकती हैं और लोग रात में भी बेखौफ सफर करते हैं।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा सब धर्मों और समाज के हर वर्ग के लिए समान भाव से काम किया है। उन्होंने याद दिलाया कि 2006 में कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराई गई थी ताकि विवाद न हो, और 2016 में 60 साल से पुराने हिंदू मंदिरों की भी घेराबंदी कराई गई। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा भाईचारे और शांति की नीति पर काम किया है, किसी के साथ भेदभाव नहीं किया।”
मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में दोहराया कि आने वाले पांच सालों में सरकार का लक्ष्य एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देना है। उन्होंने कहा, “2018 में हमने हर घर तक बिजली पहुंचाई थी, अब हर घर के युवाओं तक रोजगार पहुंचाना है।”
बेलागंज की घटना से सभा में थोड़ी देर के लिए हलचल जरूर मची, लेकिन नीतीश कुमार ने शांति और संयम के साथ पूरा कार्यक्रम संपन्न किया। सुरक्षा एजेंसियों ने बाद में मंच की पूरी जांच की और आने वाली सभाओं के लिए अतिरिक्त सुरक्षा इंतज़ाम कर दिए हैं।

