चूरू. विश्वविख्यात सिद्धपीठ सालासर बालाजी धाम आज जन जन की आस्था का केंद्र बन चुका है. यहां हर रोज बड़ी संख्या में देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु श्रद्धा के साथ शीश नवाते हैं. भक्तों का विश्वास है कि यहां उनके बिगड़े काम बनते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सालासर बालाजी मंदिर में दिन में कितनी बार आरती होती है और कब कब होती है.
मंदिर के पुजारी अरविंद बताते हैं कि देशभर में बालाजी के कई मंदिर होंगे लेकिन सालासर बालाजी की महिमा सबसे अलग है. यह मंदिर संभवतः दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है जहां हनुमानजी दाढ़ी मूंछों के साथ विराजमान हैं. मंदिर के पट सुबह 6 बजे खुलते हैं और रात 9 बजे बंद हो जाते हैं. सामान्य दिनों में मंदिर में तीन बार आरती होती है जबकि मंगलवार को विशेष रूप से चार बार आरती होती है. मंगलवार को बालाजी का वार माना जाता है. इस दिन विशेष राजभोग आरती का आयोजन होता है.
मंगला आरती होती है सबसे पहले
दिन की शुरुआत मंगला आरती से होती है. यह आरती सुबह 5 बजे होती है. यह दिन की पहली आरती होती है और इससे ही मंदिर में पूजा की प्रक्रिया शुरू होती है. आम दिनों में मंदिर में सिर्फ तीन बार आरती होती है लेकिन मंगलवार को विशेष रूप से राजभोग आरती की जाती है. इसका समय सुबह 10 बजे होता है. इस दौरान बालाजी को विशेष भोग अर्पित किया जाता है.