दिल्ली के लाल किला के पास हुए भीषण ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला दिया है। अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, और जांच एजेंसियां लगातार ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं। इस बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा — “जांच तो होती रहेगी, लेकिन यह याद रखना होगा कि कश्मीर का हर बाशिंदा आतंकवादी नहीं है। कुछ लोग हैं जो भाईचारा खराब करते हैं, लेकिन हर कश्मीरी को उसी नजर से देखना गलत है।”
उमर अब्दुल्ला ने साफ कहा — “जो कसूरवार हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए, लेकिन बेगुनाह लोगों को इसमें न फंसाया जाए। हर मुसलमान, हर कश्मीरी आतंकी नहीं होता। हमें समाज के बीच नफरत नहीं फैलानी चाहिए, बल्कि हालात को सामान्य बनाए रखने में मदद करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि पहले भी कुछ मामलों में निर्दोष लोगों को संदेह के घेरे में लाकर परेशान किया गया है, और इस बार ऐसा नहीं होना चाहिए।
वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा — “दिल्ली ब्लास्ट बेहद दर्दनाक और दुखद घटना है। अगर इस मामले में कश्मीरी डॉक्टरों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है, तो यह चिंता का विषय है। लेकिन सरकार को जांच पेशेवर तरीके से करनी चाहिए। संदिग्धों की मां, पिता, बहन या भाइयों को उठाकर पूछताछ करना और उनके साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करना बिल्कुल गलत है।”
महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा — “अगर निष्पक्ष जांच के बाद आरोप सही साबित होते हैं, तो यह समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है, लेकिन अगर निर्दोष लोग फंसाए जा रहे हैं, तो यह और भी बड़ी अन्याय की बात होगी। हमारे प्रतिभाशाली युवाओं को बर्बादी की ओर नहीं ले जाया जाना चाहिए।”
दिल्ली विस्फोट के बाद जहां देशभर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है, वहीं राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि न्याय हो — लेकिन नफरत नहीं।

