ग्वालियर। मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटर को लेकर चल रहे विवाद पर अब ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने बड़ा और साफ संदेश दिया है। हाल ही में राज्यभर में लगाए जा रहे इन स्मार्ट मीटरों को लेकर जगह-जगह से लोगों की शिकायतें सामने आ रही थीं — किसी को मीटर की स्पीड तेज लग रही थी, तो किसी को बिजली बिल बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा था। इन सबके बीच मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने जनता की चिंताओं को दूर करने वाला अहम बयान दिया।
उन्होंने कहा — “अब सबसे पहले स्मार्ट मीटर सरकारी कर्मचारियों के घरों और दफ्तरों में लगाए जाएंगे। इससे जो शंका आम जनता के मन में है, वह दूर हो सकेगी। लोग खुद देख सकेंगे कि स्मार्ट मीटर पुराने मीटर की तरह ही काम करते हैं। इससे न तो बिजली का बिल ज्यादा आता है और न ही मीटर किसी तरह की गड़बड़ी करता है।”
मंत्री तोमर ने आगे कहा कि प्रदेश में करीब 1 करोड़ 30 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। यह काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। हालांकि शुरुआत से ही इस प्रोजेक्ट को लेकर विवाद और आरोप सामने आते रहे हैं, लेकिन सरकार अब इसे पारदर्शी तरीके से लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि सबसे पहले सरकारी विभागों और अधिकारियों के घरों में मीटर लगाकर एक मिसाल पेश की जाएगी ताकि जनता को भरोसा हो कि इसमें कोई अनियमितता नहीं है। उन्होंने बताया कि विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर अब स्मार्ट मीटर लगाए जाने की अंतिम अवधि मार्च 2028 तक बढ़ा दी गई है।
तोमर ने कहा — “जनता को किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। स्मार्ट मीटर भविष्य की सुविधा है, और इससे बिजली व्यवस्था और भी पारदर्शी और आधुनिक बनेगी।”

