इंदौर। मध्यप्रदेश अब भारत के टेक्नोलॉजी मानचित्र पर एक नई पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया विज़न को आगे बढ़ाते हुए इंदौर में “मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0” का आयोजन किया। यह आयोजन प्रदेश की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति का ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ। इस कार्यक्रम में आईटी, एआई, सेमीकंडक्टर, ड्रोन, फिनटेक, क्लाउड और ईएसडीएम जैसे उभरते क्षेत्रों पर फोकस किया गया। सरकार का दावा है कि इस आयोजन से लगभग 15,896 करोड़ रुपये का निवेश और 64,000 से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
पिछले साल भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और अप्रैल में आयोजित “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1.0” के दौरान 34 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे। अब सिर्फ आठ महीनों में छह हजार करोड़ का निवेश जमीन पर उतर चुका है और पचास हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल चुका है — यह साबित करता है कि मध्यप्रदेश अब टेक्नोलॉजी ड्रिवन ग्रोथ की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
इंदौर में हुए “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0” के दौरान कुल 68 प्रमुख गतिविधियाँ आयोजित की गईं — जिनमें उद्घाटन, भूमिपूजन, एमओयू साइनिंग और निवेश समझौते शामिल रहे। इस कार्यक्रम में 700 से अधिक उद्योगपतियों, निवेशकों और स्टार्टअप लीडर्स ने भाग लिया। ड्रोन सेक्टर, गेमिंग और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर पर केंद्रित दो महत्वपूर्ण राउंडटेबल सेशन भी हुए।
इस कॉन्क्लेव में 22 नई औद्योगिक और तकनीकी इकाइयों का उद्घाटन किया गया, जिनमें 257 करोड़ रुपये का निवेश और 2125 रोजगार के अवसर सृजित हुए। इनमें इंदौर, भोपाल और जबलपुर में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, स्टार्टअप्स के लिए इन्क्यूबेशन हब और ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स शामिल हैं। उद्घाटन की गई प्रमुख कंपनियों में Clinisupplies UK, Vena India, Solugenix, Jetwave Solutions, Magnet Brains और Byte Bonding जैसी जानी-मानी कंपनियाँ शामिल रहीं।
इसके अलावा 1346 करोड़ रुपये की चार नई परियोजनाओं का भूमिपूजन किया गया, जिनसे 21 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। नौ कंपनियों को भूमि आवंटन के लिए आशय पत्र जारी किए गए हैं, जबकि सात प्रमुख एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिनकी कुल निवेश राशि करीब 800 करोड़ रुपये है। साझेदारी करने वालों में SOMVEDA, DAVV IT Park, ANSR, GDAI, TiE राजस्थान और भारतीय सेना का मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग भी शामिल हैं।
कॉन्क्लेव के दौरान तीन बड़ी तकनीकी पहलें भी लॉन्च की गईं — मध्यप्रदेश स्पेसटेक नीति 2025 का ड्राफ्ट, राज्य के सभी विभागों के लिए केंद्रीकृत साइबर सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म “CISO पोर्टल”, और “ड्रोन डेटा रिपॉजिटरी” जो डिजिटल मध्यप्रदेश की दिशा में एक अहम कदम साबित होगी।
इसके साथ ही IISER भोपाल के साथ 85 करोड़ रुपये के निवेश वाला एक बड़ा एग्रीमेंट हुआ, जिसके तहत ड्रोन टेक्नोलॉजी के लिए विश्वस्तरीय Centre of Excellence की स्थापना की जाएगी।
कार्यक्रम में लगी टेक प्रदर्शनी में भविष्य के भारत की झलक देखने को मिली — जहाँ हाई-स्पीड इलेक्ट्रॉनिक्स, एआई, एग्री-ड्रोन, वर्चुअल रियलिटी और ब्लॉकचेन इनोवेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकें प्रदर्शित की गईं।
सरकार ने इस मौके पर कई बड़ी घोषणाएँ भी कीं — स्पेसटेक पॉलिसी जल्द लागू होगी, भोपाल में 2000 एकड़ में “Knowledge & AI City” विकसित की जाएगी, और Science City Project के लिए 25 एकड़ भूमि आवंटित की जाएगी जो युवाओं और विद्यार्थियों के लिए नवाचार का केंद्र बनेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब केवल निवेश का केंद्र नहीं, बल्कि भारत की नई तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करने वाला राज्य बन चुका है। पारदर्शी नीतियों और निवेशक-अनुकूल माहौल ने राज्य को अग्रणी टेक हब्स की श्रेणी में ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य साफ है — प्रदेश का हर प्रतिभाशाली युवा, अपने ही राज्य में सम्मान और अवसर पाए।

