पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को मिली भारी जीत के बाद अब पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रणनीति को दिया जा रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने साफ कहा कि बिहार की जनता ने मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है। लेकिन दिलचस्प यह रहा कि अपने पूरे बयान में उन्होंने कई बार मोदी और अमित शाह का जिक्र किया, मगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम एक बार भी नहीं लिया। इसी बात ने राजनीतिक गलियारों में नए सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या भाजपा इस बार नीतीश कुमार को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है? या फिर पार्टी अपने नए मुख्यमंत्री चेहरे की तैयारी कर रही है?
दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता इस समय देश में सबसे ऊंचे स्तर पर है और उनकी गारंटी को लोग विकास व स्थिरता का भरोसा मानते हैं। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने बिहार चुनाव को लेकर एक साल पहले ही रणनीति बनानी शुरू कर दी थी और चुनाव प्रचार के दौरान 11 विशाल रैलियां कीं, जिनमें विकास कार्यों और केंद्र की योजनाओं का विस्तृत उल्लेख किया गया। जायसवाल के मुताबिक, मोदी की गारंटी अब एक ब्रांड है और बिहार की जनता ने इसे दिल से स्वीकार कर लिया, जिसका सबसे बड़ा सबूत यह लोकसभा परिणाम है।
इसके साथ ही उन्होंने अमित शाह की रणनीति का भी विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि शाह ने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया, कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद किया और उन्हें जीत का खास “मंत्र” दिया। जायसवाल का कहना था कि यह जीत शाह की रणनीति का भी परिणाम है।
लेकिन पूरी बातचीत में एक नाम गायब रहा—नीतीश कुमार। जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा और शपथ ग्रहण कब होगा, तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि 16 तारीख को मतदाता धन्यवाद कार्यक्रम होगा, उसके बाद दलों की बैठकें होंगी और फिर विधायक दल नेता चुनेगा। इससे साफ हो गया कि भाजपा अभी सीएम पद को लेकर खुलकर सामने नहीं आना चाहती।
चुनाव प्रचार के समय अमित शाह और राजनाथ सिंह ने जरूर कहा था कि नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन बदलते राजनीतिक समीकरण कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और जेडीयू दूसरे नंबर पर, जिससे अब संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा शायद इस बार अपना खुद का मुख्यमंत्री चेहरा लाने पर गंभीर विचार कर रही है।
बिहार की राजनीति अब नए मोड़ पर पहुंच चुकी है और आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि नीतीश कुमार कुर्सी पर बने रहेंगे या भाजपा एक नया चेहरा पेश करेगी।

