बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली करारी हार के बाद राजद ने अपनी समीक्षा प्रक्रिया तेज कर दी है। सोमवार को पार्टी की बड़ी बैठक हुई, जिसमें जीते और हारे दोनों प्रकार के प्रत्याशियों को बुलाया गया था। इसी बैठक में राघोपुर से विधायक तेजस्वी यादव को आधिकारिक तौर पर राजद विधायक दल का नेता चुन लिया गया। बता दें कि राजद ने इस चुनाव में 143 सीटों पर मुकाबला किया था, लेकिन पार्टी केवल 25 सीटों पर ही सिमट गई।
इस समीक्षा बैठक में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक के बाद जगदानंद सिंह ने बताया कि तेजस्वी को नेता प्रतिपक्ष चुना गया है और आगे भी पार्टी सड़क से लेकर सदन तक गरीबों और वंचितों की आवाज उठाती रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कई प्रत्याशियों ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जमीन पर महागठबंधन का माहौल था, लेकिन नतीजों में यह परिलक्षित नहीं हुआ।
राजद नेता शक्ति सिंह यादव ने भी पुष्टि की कि सभी विधायकों ने एक सुर में तेजस्वी को विधायक दल का नेता चुन लिया है। बैठक में मौजूद नेताओं ने जनादेश पर भी अपनी नाराज़गी जताई और कहा कि यह परिणाम न जनता के गले उतर रहा है, न नेताओं के।
वहीं मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि नव निर्वाचित विधायकों ने तेजस्वी यादव को विधानमंडल दल का नेता चुना है और जिन दिशानिर्देशों पर काम करने को कहा गया है, पार्टी उसी दिशा में आगे बढ़ेगी। उन्होंने फिर से ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव होते तो राजद जीत रहा था, हार केवल ईवीएम में हुई है।
तेजस्वी यादव को फिर से नेतृत्व की कमान सौंपकर राजद ने अपने अगले राजनीतिक सफर का संकेत दे दिया है—अब लड़ाई सड़क पर भी होगी और सदन के भीतर भी।

