पटना। बिहार की सियासत में तेज रफ्तार से बढ़ रहा रोहिणी आचार्य विवाद अब एक नया मोड़ ले चुका है, क्योंकि लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ गए हैं। अपनी बहन रोहिणी के साथ हुए अपमान को लेकर तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस पूरे मामले की तुरंत और सख्त जांच की मांग की है।
तेज प्रताप ने सोशल मीडिया के जरिए एक तीखा पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने साफ कहा कि कुछ लोग जयचंद प्रवृत्ति अपनाकर उनके माता-पिता पर मानसिक और शारीरिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी नज़र में यह विवाद सिर्फ परिवार तक सीमित नहीं, बल्कि बिहार की आत्मा पर सीधा हमला है।
तेज प्रताप यहीं नहीं रुके—उन्होंने टिकट वितरण को लेकर भी बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जो कार्यकर्ता सालों से पार्टी के लिए दिन-रात काम कर रहे थे, उन्हें दरकिनार कर दिया गया और टिकट चाटुकारों के सहारे बांटे गए। उनके मुताबिक लालच और चमचागिरी ने घर और संगठन दोनों को बर्बादी की कगार पर ला खड़ा किया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील की है कि अगर किसी ने लालू-राबड़ी पर दबाव बनाया है, तो उन सभी दोषियों पर सबसे कठोर कार्रवाई की जाए, क्योंकि बीमार लालू यादव इस तरह का दबाव सहने की स्थिति में नहीं हैं।
तेज प्रताप ने नाम लेते हुए मांग की है कि अगर रोहिणी, राबड़ी देवी या लालू यादव के साथ कोई भी बदसलूकी या प्रताड़ना हुई है, तो संजय यादव, रमीज नेमत खान और प्रीतम यादव पर तुरंत एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए।
तेज प्रताप के इन बयानों ने पहले से उबल रहे रोहिणी विवाद को और भड़का दिया है, और अब पूरे बिहार की निगाहें इस मामले में होने वाली अगली कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

