पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार झेलने के बाद कांग्रेस पार्टी अब एक्शन मोड में दिख रही है। सिर्फ 6 सीटें जीतने के बाद पार्टी ने अनुशासनहीनता को जिम्मेदार माना है और इसी वजह से कांग्रेस अनुशासन समिति ने 43 नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। चुनाव के दौरान ये नेता पार्टी लाइन से हटकर बयान देते नजर आए थे, जिससे ना सिर्फ पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा, बल्कि चुनावी प्रदर्शन पर भी सीधा असर पड़ा।
21 नवंबर तक जवाब नहीं तो कठोर कार्रवाई तय
अनुशासन समिति के अध्यक्ष कपिलदेव प्रसाद यादव ने साफ कह दिया है कि इन सभी 43 नेताओं को 21 नवंबर 2025 दोपहर 12 बजे तक अपना लिखित स्पष्टीकरण जमा करना होगा। अगर किसी ने निर्धारित समय तक जवाब नहीं दिया, तो उसे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए बाहर भी किया जा सकता है।
कांग्रेस की ओर से संदेश साफ है — पार्टी अनुशासन सर्वोपरि है और कोई भी गतिविधि जो संगठन को नुकसान पहुंचाएगी, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिन नेताओं को भेजा गया नोटिस — सूची लंबी और चौंकाने वाली
इस सूची में पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, जिला अध्यक्षों, महिला कांग्रेस नेताओं, युवा कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारियों और कई वरिष्ठ सदस्यों के नाम शामिल हैं।
इनमें अफाक आलम, छत्रपति यादव, वीणा शाही, बंटी चौधरी, मधुरेंद्र कुमार सिंह, कंचना कुमारी, राज कुमार राजन, अशोक गगन, सूरज सिन्हा, उर्मिला सिंह नीलू, रेखा पटेल, राणा अजय सिंह, रीना देवी, खुशबू कुमारी जैसे कई प्रमुख नाम शामिल हैं।
कुल मिलाकर 43 लोगों पर पार्टी-विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है, और सभी से विस्तृत स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
कांग्रेस के इस कदम ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इन नेताओं का जवाब क्या आता है और पार्टी आगे कौन-कौन से कठोर कदम उठाती है।

