उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को आधुनिक, कुशल और नवाचारी बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बड़े बदलाव की शुरुआत कर चुके हैं। उनके विजन के तहत स्वास्थ्य सेवाओं में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस यानी AI का इस्तेमाल तेज़ी से बढ़ रहा है, जिससे इलाज को पहले से कहीं ज्यादा आसान, सस्ता और हर नागरिक के लिए सुलभ बनाया जा रहा है। शहरों से लेकर सबसे दूर बसे ग्रामीण इलाकों तक डिजिटल हेल्थ सुविधाएं अब लोगों तक पहुंच रही हैं, और यह बदलाव प्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।
ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म में उत्तर प्रदेश नंबर वन
AI आधारित टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म ई-संजीवनी के इस्तेमाल में उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे है। शुरुआत से अब तक करोड़ों ऑनलाइन परामर्श दिए जा चुके हैं, और इनमें 70 प्रतिशत से अधिक मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। यहां विशेषज्ञ डॉक्टर AI-संचालित वर्चुअल कंसल्टेशन के जरिए मरीजों को सुरक्षित, सटीक और कम लागत वाली चिकित्सकीय सलाह दे रहे हैं। खास बात यह है कि जिन जगहों पर अस्पताल दूर हैं या सुविधाएं कम हैं, वहां यह तकनीक लोगों के लिए जीवनरक्षक साबित हो रही है।
हजारों स्वास्थ्यकर्मी AI तकनीक में प्रशिक्षित
सीएम योगी के विजन के तहत प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों को भी आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है। वर्ष 2024–25 में 4,000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों को AI और डिजिटल हेल्थ टेक्नोलॉजी का प्रशिक्षण दिया गया है। इन्हें डेटा एनालिटिक्स से लेकर टेलीमेडिसिन प्रोटोकॉल और साइबर सुरक्षा तक हर आवश्यक कौशल सिखाया गया है। इससे ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में एआई आधारित स्क्रीनिंग टूल्स का इस्तेमाल बढ़ा है और निदान की सटीकता में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है।
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट ID में भी यूपी सबसे आगे
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में भी उत्तर प्रदेश अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। प्रदेश में 12.45 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य खाता ID बनाए जा चुके हैं। ये डिजिटल हेल्थ IDs मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड को सुरक्षित रखते हैं और डॉक्टरों को तुरंत जानकारी उपलब्ध कराते हैं। इससे AI आधारित जोखिम मूल्यांकन और पर्सनल हेल्थ रिकमेंडेशन देना बेहद आसान हो गया है।
हेल्थ–टेक स्टार्टअप्स के लिए खुल रहे नए अवसर
नवाचार के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश तेजी से उभर रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 50 से अधिक हेल्थ–टेक स्टार्टअप्स ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए। कई स्टार्टअप कैंसर स्क्रीनिंग, मानसिक स्वास्थ्य मॉनिटरिंग और गर्भावस्था ट्रैकिंग के लिए AI आधारित ऐप्स तैयार कर रहे हैं। लखनऊ का ‘हेल्थएआई सॉल्यूशंस’ स्टार्टअप इसका बड़ा उदाहरण है, जिसका एआई–चालित प्रेग्नेंसी ट्रैकर एक लाख से अधिक महिलाओं तक पहुंच चुका है।
ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में एआई कियोस्क की स्थापना
प्रदेश के 12,000 से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र अब एआई–चलित टेलीमेडिसिन कियोस्क और डिजिटल डायग्नोस्टिक उपकरणों से लैस किए जा चुके हैं। इन तकनीकों की वजह से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं तेजी और प्रभावी ढंग से पहुंच रही हैं।
AI से बदल रही उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था
सीएम योगी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली का AI के जरिए तेज़ी से आधुनिकीकरण किया जा रहा है। यह बदलाव न सिर्फ ग्रामीण और गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हो रहा है, बल्कि एक स्वस्थ और सशक्त उत्तर प्रदेश के निर्माण की दिशा में भी यह एक निर्णायक कदम है।

