पटना। बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार बनते ही राजनीतिक तापमान फिर से तेजी से बढ़ गया है। मंत्रियों को विभाग आवंटित हो चुके हैं और सब अपनी जिम्मेदारियों में जुट चुके हैं, लेकिन इसी बीच मंगलवार को राबड़ी देवी का 22 साल पुराना सरकारी आवास खाली करने का आदेश सामने आते ही राज्य की राजनीति में हलचल मच गई। मीडिया में यह खबर जैसे ही फैली, आरजेडी खेमे में नाराजगी की लहर दौड़ गई।
राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड वाला बंगला खाली करने के आदेश ने पूरा माहौल गरमा दिया है। आदेश जारी होते ही लालू परिवार और पार्टी नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं। इसी बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने भी अपनी नाराज़गी खुलकर जताई है।
तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए नीतीश कुमार पर निशाना साधा—“छोटे भाई ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और बड़े भाई का बंगला खाली कराने का आदेश दे दिया। गिर ही गए, लेकिन इतना नीचे नहीं गिरना था। इतिहास दोनों हाथों में कालिख लिए उनका इंतज़ार कर रहा है।” उनके इस बयान ने विवाद को और भड़का दिया है।
राबड़ी देवी के साथ-साथ तेज प्रताप यादव का सरकारी आवास भी सरकार ने वापस ले लिया है। नई कैबिनेट के 26 मंत्रियों को तुरंत नए बंगले आवंटित किए गए हैं, जिसके चलते पुराने आवासों की सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव किया गया है। भवन निर्माण विभाग के ताजा आदेश के अनुसार राबड़ी देवी को अब नया आवास 39, हार्डिंग रोड दिया गया है, जबकि 10 सर्कुलर रोड—जो दशकों तक लालू परिवार का सियासी केंद्र रहा—अब सरकार के नियंत्रण में जाएगा।
इस फैसले ने साफ कर दिया है कि सरकार बनने के तुरंत बाद ही सत्ता और विपक्ष के बीच मौन टकराव एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है।

