भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के सात बड़े शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण अब गंभीर चिंता का विषय बन चुका है, और प्रशासन इसे किसी भी कीमत पर और बढ़ने नहीं देना चाहता। इसी को लेकर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में निर्देश साफ थे—भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, देवास, उज्जैन और सिंगरौली में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि AQI को हर हाल में 100 से नीचे लाना है। निर्माण गतिविधियों से उठने वाली धूल, वाहनों से फैलने वाला धुआं और अन्य प्रदूषण स्रोतों पर तुरंत कड़ाई करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही जनता में जागरूकता फैलाने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाने की रूपरेखा भी तैयार करने को कहा गया।
सबसे बड़ी बात, सभी विभागों से 30 नवंबर तक वर्तमान स्थिति और भविष्य की विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने साफ संदेश दिया है कि अब प्रदूषण को और फैलने नहीं दिया जाएगा, क्योंकि साफ और सांस लेने योग्य हवा हर नागरिक का हक है, और सरकार इसे सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

