मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्मार्ट मीटर को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को कांग्रेस झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ ने बिजली विभाग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि स्मार्ट मीटर की रीडिंग हवा में भी बढ़ जाती है, जिससे उपभोक्ताओं के बिजली बिल आसमान छू रहे हैं। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने इस मामले पर जल्द ध्यान नहीं दिया, तो सीएम हाउस का घेराव किया जाएगा और विधानसभा में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया जाएगा।
भोपाल के सेकंड स्टॉप स्थित एमपीईबी कार्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और उपभोक्ता एकजुट होकर पहुंचे। प्रदर्शन में कांग्रेस के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष और पार्षद गुड्डू चौहान भी मौजूद रहे। गुड्डू चौहान ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि स्मार्ट मीटर से लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं, और बिजली बिलों में अनियमितता स्पष्ट दिख रही है।
इधर, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जबलपुर में कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि बिजली के दाम तय करना राज्य सरकार के नहीं, बल्कि विद्युत नियामक आयोग के अधिकार क्षेत्र में आता है। कंपनियों के खर्च और आय-व्यय के आधार पर आयोग ही दरें तय करता है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को मीटर में गड़बड़ी का शक है, तो उसकी जांच और समाधान के लिए प्रावधान मौजूद है।
स्मार्ट मीटर के पाकिस्तान कनेक्शन को लेकर कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों पर भी मंत्री ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि लोगों की आशंकाओं को दूर करने के लिए जगह-जगह सब मीटर लगाए जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि स्मार्ट मीटर न लग पाने की स्थिति में इसकी समयसीमा भी आगे बढ़ाई गई है।
ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे अपनी बिजली खपत की रियल टाइम जानकारी के लिए विभाग के मोबाइल ऐप का उपयोग करें और किसी भी समस्या के लिए शिकायत दर्ज करें। वहीं कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि जब तक स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
