भोपाल। मध्य प्रदेश में IAS संतोष वर्मा के विवादित बयान ने सियासत में आग लगा दी है। ब्राह्मण बेटियों पर दिए गए बयान के बाद मामला इतना तूल पकड़ चुका है कि अब प्रदेश के दो पूर्व मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। शिवपुरी में पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा के मंच से नरोत्तम मिश्रा ने खुलकर कहा कि विकृत मानसिकता वाले IAS संतोष वर्मा के खिलाफ सरकार तुरंत कार्रवाई करे। मिश्रा का कहना था कि उन्होंने हमारी बेटियों के लिए ऐसे शब्द कहे हैं जिन्हें सुनकर मन पीड़ा से भर गया। और अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती, तो ये मामला सनातनियों के हाथ में दे दो—वे खुद कार्रवाई कर लेंगे।
नरोत्तम मिश्रा ने मंच से भावुक होते हुए कहा कि महाराज धीरेंद्र शास्त्री ने जात-पात मिटाने का जो मंत्र दिया है, वो हर हिंदू को जोड़ने वाला है। लेकिन समाज में कुछ ऐसे लोग हैं जिन्हें ये अमृत जैसे विचार हजम ही नहीं होते। सनातन अमृत है, लेकिन कुछ अधिकारी ऐसे हैं जिन्हें ये अमृत रास नहीं आता। इसलिए ऐसे लोगों पर कार्रवाई होना ज़रूरी है।
लेकिन अब इस बयान पर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने तीखा पलटवार कर दिया है। शर्मा ने IAS संतोष वर्मा पर मानसिक दुष्कर्म जैसा गंभीर आरोप लगाया और कहा—सरकार सिर्फ तमाशा न देखे, FIR करे, उन्हें बर्खास्त करे। उन्होंने नरोत्तम मिश्रा पर तंज कसते हुए कहा कि सिर्फ मंच से बोल देने से कुछ नहीं होगा, सरकार पर दबाव बनाइए, कार्रवाई कराइए।
और इस तरह, एक IAS अधिकारी के विवादित बयान ने मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफ़ान खड़ा कर दिया है। मंच, महराज, मंत्री—सब एक-दूसरे पर जुबानी वार कर रहे हैं। अब देखना ये होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है… और ये सियासी जंग आगे कितना और भड़कती है।

