भोपाल में मौलाना महमूद मदनी के जिहाद और वंदे मातरम वाले बयान के बाद माहौल पूरी तरह गरम हो चुका है। बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और कई हिंदू संगठन खुलकर विरोध में उतर आए हैं। संगठनों का कहना है कि मदनी के बयान ने देश की भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है और इसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कुछ संगठनों ने तो यहां तक कह दिया कि अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती तो मदनी को वे खुद सबक सिखाने के लिए तैयार हैं, जबकि कुछ ने सरेआम फांसी की मांग भी उठा दी है।
भोपाल में विरोध लगातार तेज़ होता जा रहा है। हिंदू संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत मदनी पर केस दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि भारत में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा और देश के खिलाफ जहर फैलाने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। उनका आरोप है कि मदनी उसी थाली में छेद कर रहा है, जिसमें खा रहा है।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब जमीयत उलेमा-ए-हिंद की मीटिंग में मौलाना मदनी ने कहा कि ‘मुर्दा कौम मुश्किलों में समर्पण कर देती है… उनसे वंदे मातरम कहलवाओ तो वे तुरंत कहने लगेंगे।’ उन्होंने कहा कि यदि कौम ‘ज़िंदा’ है तो उसे डटकर सामना करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी गंभीर सवाल उठाए और कहा कि अदालतें सरकार के दबाव में काम कर रही हैं, और जब जुल्म होगा तब जिहाद भी होगा।
मदनी का यह बयान राष्ट्रीय स्तर पर आग की तरह फैल गया है… और अब भोपाल में विरोध लगातार उग्र रूप ले रहा है।

