भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत सोमवार सुबह 11 बजे हुई, और सत्र की शुरुआत हमेशा की तरह शोक श्रद्धांजलि के साथ की गई। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दिवंगतों के निधन का उल्लेख करते हुए दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए हॉक फोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा और दिग्गज फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र समेत कुल 14 लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी सदन की ओर से सभी के प्रति संवेदना व्यक्त की।
लेकिन जैसे ही श्रद्धांजलि परंपरा पूरी हुई, सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव बढ़ गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि छिंदवाड़ा के सिरप कांड में मारे गए बच्चों का भी उल्लेख होना चाहिए था। उनका कहना था कि यह मामला सरकार की लापरवाही का नतीजा है और ऐसे गंभीर मुद्दों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने इंदौर के एमवाय अस्पताल में चूहों के कुतरने से मारे गए बच्चों का भी जिक्र किया, जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया।
मंत्री विश्वास सांरग ने विपक्ष की टिप्पणी पर आपत्ति जताई और कहा कि यहां किसी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो रही है। मामला बढ़ता देख स्पीकर नरेंद्र सिंह तोमर ने सदस्यों को सदन की गरिमा बनाए रखने और प्रक्रिया का पालन करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि अनुमति लेकर किसी भी विषय को उठाया जा सकता है, लेकिन श्रद्धांजलि के दौरान विषय से भटकना उचित नहीं।
हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की ओर से सभी शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मांग की कि नेता प्रतिपक्ष के बयान को कार्यवाही से हटाया जाए, जिसके जवाब में सिंघार ने कहा कि जब हम मुआवजा दे सकते हैं, तो शोक संवेदना व्यक्त करने में आपत्ति क्यों? यह राजनीति नहीं, बल्कि मानवता का मामला है।
शीतकालीन सत्र की शुरुआत ही विवादों से घिर गई है, और आने वाले दिनों में सदन का माहौल कैसा रहेगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।

