पटना। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन माहौल पूरी तरह राजनीतिक भी था और मानवीय भी। दिन की शुरुआत हुई शपथ ग्रहण से, जहां सबसे पहले मदन सहनी ने शपथ ली, फिर लौरिया विधायक विनय बिहारी पहुंचे, जो शपथ से ठीक पहले भोजपुरी की गाथा सुनाने लगे और प्रोटेम स्पीकर ने उन्हें तुरंत रोक दिया। उनके बाद जीवेश मिश्रा ने संस्कृत में शपथ लेकर पूरा माहौल शांत और औपचारिक कर दिया। सात में से पांच विधायकों ने आज शपथ ली, जबकि कुचायकोट के अमरेंद्र कुमार पांडेय और मोकामा के अनंत सिंह अभी भी गैरहाजिर रहे।
उसी दौरान विधानसभा में एक और बड़ा फैसला हुआ—प्रेम कुमार को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष चुन लिया गया। लेकिन असली दिलचस्प पल तो उनके आसन पर बैठने के दौरान देखने को मिला। जैसे ही प्रोटेम स्पीकर ने प्रेम कुमार के अध्यक्ष चुने जाने की घोषणा की, सदन की परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उन्हें लेकर अध्यक्षीय आसन की ओर बढ़े। प्रेम कुमार जैसे ही आसन पर बैठने लगे, तभी पास खड़े सीएम नीतीश ने मुस्कुराते हुए उन्हें रोक दिया और कहा—“अरे, रुकिए…” क्योंकि वे चाहते थे कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी भी साथ आएं, ताकि दोनों मिलकर नए स्पीकर को आसन तक पहुंचाएं। तेजस्वी जैसे ही अपनी जगह से आगे बढ़े, नीतीश बोले—“चलिए, अब बैठिए।” दोनों नेताओं ने मिलकर प्रेम कुमार को आसन पर बैठाया और सदन तालियों तथा जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा।
इसके बाद एक और छोटा लेकिन वायरल होने वाला दृश्य सामने आया। अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया के दौरान तेजस्वी यादव अपनी कुर्सी पर बैठे रहे, जिसे देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत टोका—“कुर्सी पर क्यों बैठे हो, उठो ना।” इतना सुनते ही तेजस्वी झट से खड़े हो गए और माहौल हल्की मुस्कान और सहजता में बदल गया।
बिहार की राजनीति में जहां अक्सर तल्ख बयान सुनने को मिलते हैं, वहीं आज का दिन कई मानवीय और रोचक पलों के नाम रहा—शपथ, परंपरा, सम्मान और नेताओं के बीच का अनकहा समन्वय… सब कुछ एक ही फ्रेम में दिखाई दिया।

