कैलाश देवबिल्ड कंपनी के तीन डायरेक्टर पर शिकंजा, 226 करोड़ का टेंडर हड़पने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल, EOW ने दर्ज किया केस

 जबलपुर। एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में 226 करोड़ रुपये का टेंडर हथियाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW ने इस हाई-प्रोफाइल घोटाले में FIR दर्ज कर ली है और जांच तेज कर दी है। आरोप है कि कैलाश देवबिल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 220 केवी सब-स्टेशन और विंड फार्म पुलिंग सब-स्टेशन बनाने का बड़ा ठेका हासिल करने के लिए नोएडा की कंपनी इनॉक्सविंड इंफ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज लिमिटेड का पूरी तरह फर्जी परफॉर्मेंस सर्टिफिकेट पेश किया।

EOW की शुरुआती जांच में यह सर्टिफिकेट फर्जी साबित हुआ, और जब इनॉक्सविंड कंपनी से पुष्टि की गई तो उन्होंने साफ कहा कि ऐसा कोई सर्टिफिकेट उन्होंने कभी जारी ही नहीं किया। शिकायत के आधार पर EOW ने कंपनी के निदेशक कैलाश शुक्ला, उनकी पत्नी सीमा शुक्ला और बेटे भानु शुक्ला पर धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र के गंभीर आरोपों में केस दर्ज किया है।

जांच में अब यह भी खंगाला जा रहा है कि क्या इसी कंपनी ने पहले भी इसी तरह के फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके बड़े टेंडर हासिल किए हैं। EOW अधिकारियों का कहना है कि आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे और फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाएगा।

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