मध्य प्रदेश में जहरीले Coldrif Cough Syrup से हुई बच्चों की मौत और किडनी फेलियर का मामला अब बेहद गंभीर मोड़ पर पहुँच गया है। इसी बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव खुद नागपुर पहुंचे, जहाँ उन्होंने अस्पतालों में भर्ती बच्चों का हाल जाना।
मुख्यमंत्री सबसे पहले एम्स नागपुर पहुँचे, जहाँ छिंदवाड़ा के दो बच्चे भर्ती हैं। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों की हालत भले ही गंभीर है, लेकिन लगातार बेहतर इलाज से सुधार हो रहा है। इसके बाद वे न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल पहुँचे, जहाँ एक और बच्चा उपचाराधीन है, और अंत में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नागपुर गए, जहाँ चौथा बच्चा भर्ती है।
हर अस्पताल में सीएम ने डॉक्टरों से बच्चों की रिपोर्ट देखी, परिजनों से बात की और साफ निर्देश दिए — “हमारे बच्चों का स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता है, इनके इलाज में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। राज्य सरकार सभी खर्चों का जिम्मा खुद उठाएगी।”
बच्चों की आंखों में डर था, लेकिन जब उनके माता-पिता ने मुख्यमंत्री को पास खड़ा देखा तो उम्मीद की एक किरण भी जगी। डॉ. मोहन यादव ने अस्पताल प्रबंधन को सख्त निर्देश दिए कि इलाज में किसी तरह की देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस बीच, मध्य प्रदेश पुलिस ने इस पूरे मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने तमिलनाडु के चेन्नई से श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में पता चला है कि इस सिरप में करीब 48 फीसदी डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) पाया गया — वही जहरीला केमिकल, जो बच्चों की किडनी फेल होने की असली वजह बना।
अब तक इस जहरीले सिरप की वजह से 20 से ज्यादा मासूमों की जान जा चुकी है, और कई अभी भी जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।
सरकार ने साफ कर दिया है — दोषी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
बच्चों की कराह, अस्पतालों में अफरा-तफरी, और सीएम की तत्परता…
ये पूरा मामला अब देशभर में एक चेतावनी बन चुका है — दवाओं के नाम पर लापरवाही की कीमत जिंदगी से बड़ी कोई नहीं।

