मध्य प्रदेश में आंगनबाड़ी की 9 हजार से ज्यादा भर्तियाँ, CM डॉ. मोहन यादव का बड़ा ऐलान

मध्य प्रदेश के आंगनबाड़ी सिस्टम में अब बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है, क्योंकि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्यभर में 9 हजार से ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती के आदेश जारी कर दिए हैं। सीएम ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में साफ निर्देश दिए कि प्रदेश में कुपोषण को अगले तीन साल में पूरी तरह खत्म करने के लिए एक मजबूत और फुल-प्रूफ प्लान तैयार किया जाए। साथ ही उन्होंने ब्रेस्ट फीडिंग को लेकर जागरूकता बढ़ाने और सामग्री टेंडर प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के भी आदेश दिए, यह भी कहा कि कहीं भी टेंडर में गड़बड़ी मिली तो वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।

बैठक में सीएम ने देश में पहली बार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की पूरी तरह ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की सराहना की। साथ ही 19,500 रिक्त पदों में से 9,948 पदों पर नियुक्ति का निर्देश जारी कर दिया है। लाड़ली लक्ष्मी बेटियों के ड्रॉप आउट को लेकर भी विभाग से विस्तृत जानकारी ली गई और गहन समीक्षा के आदेश दिए गए।

मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है जिसने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती को पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया है। टेक होम राशन की FRS प्रक्रिया में भी मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि स्पॉन्सरशिप योजना में 20,243 बच्चों को लाभ दिलाकर राज्य ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। झाबुआ के ‘मोटी आई’ नवाचार को प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिला है और PM JANMAN भवनों की मॉनिटरिंग को भी केंद्र सरकार ने सराहा है।

राज्य सरकार ने तीन वर्षों की नई भविष्य कार्य योजना भी तैयार की है, जिसमें 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन के जरिए गर्म भोजन उपलब्ध कराने, 2047 विज़न के अनुरूप प्री-स्कूल शिक्षा में बड़ा निवेश करने, 34 लाख बालिकाओं को छात्रवृत्ति देने और अगले तीन वर्षों में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन बनाने की योजना शामिल है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने हाल के वर्षों में कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं—PMMVY के तहत 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपये की सहायता दी गई, लाडली बहना योजना के माध्यम से 36,778 करोड़ रुपये महिलाओं तक पहुँचे, महिला हेल्पलाइन ने 1.72 लाख महिलाओं की मदद की, और प्रदेशभर में 57 वन स्टॉप सेंटरों ने 52,095 महिलाओं को सुरक्षा प्रदान की। वहीं बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बड़े स्तर पर पौधारोपण, ड्राइविंग लाइसेंस वितरण और बालिकाओं को प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण दिया गया। राज्य में 12,670 आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ घोषित किया जा चुका है।

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