मतदाता सूची में नाम नहीं तो राशन-पानी बंद? मंत्री गोविंद राजपूत के बयान से मचा हड़कंप

सागर। मध्य प्रदेश के खाद्य और आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का एक बयान इन दिनों सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है। सागर जिले की सुरखी विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि जो लोग अपनी मतदाता सूची में नाम नहीं जुड़वाएंगे, उन्हें राशन, आधार कार्ड और बाकी सरकारी सुविधाएं मिलना बंद हो जाएंगी। बस इतना कहना था कि लोगों में हड़कंप मच गया और राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई।

मंत्री राजपूत का कहना था कि गांवों में मतदाता सूची अपडेट करने का काम चल रहा है, इसलिए हर व्यक्ति अपने नाम को वोटर लिस्ट में जरूर शामिल करवाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि सिर्फ 5-6 दिन का समय है, वरना सरकारी लाभ बंद हो सकते हैं। जबकि हकीकत यह है कि SIR यानी स्पेशल समरी रिवीजन प्रक्रिया का मकसद केवल वोटर लिस्ट को अपडेट करना है—इसका किसी भी प्रकार के राशन कार्ड या सरकारी सुविधाओं से कोई संबंध नहीं है।

इस बयान पर राजनीति भी गर्मा गई है। उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने मंत्री पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि क्या गोविंद सिंह राजपूत चुनाव आयोग के अधिकारी बन गए हैं, जो ऐसे बयान दे रहे हैं? कटारे का आरोप है कि भाजपा के लोग SIR प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

बयान के बाद अब जनता में भ्रम और नाराजगी दोनों बढ़ रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पहले से ही स्पष्ट करती है कि वोटर लिस्ट और राशन जैसी सुविधाएं अलग-अलग व्यवस्थाएं हैं।

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