नई दिल्ली में आयोजित एक कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत विकसित भारत विजन 2047 को साकार करने में उत्तर प्रदेश सबसे अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि भारत को 2027 तक 5 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का सपना तभी पूरा होगा, जब देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश समान गति से आगे बढ़े। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने व्यापक विमर्श और जनभागीदारी के साथ यूपी का विज़न डॉक्यूमेंट तैयार किया है, जिसमें जनता और जनप्रतिनिधियों—दोनों के सुझाव शामिल किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यूपी को विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका मजबूत करनी होगी। इसके लिए विधानसभा में 27 घंटे तक लगातार चर्चा कराई गई, जिसमें सभी दलों ने हिस्सा लिया। साथ ही जनता से भी बड़े पैमाने पर सुझाव मांगे गए और अब तक 98 लाख विचार प्राप्त हुए हैं। इन्हीं सुझावों को आधार बनाकर 12 प्रमुख सेक्टरों के लिए साफ लक्ष्य तय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यूपी 2029-30 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को हासिल कर लेगा और राज्य की मौजूदा प्रगति इस दिशा में बेहद उत्साहजनक है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश ने निवेश के मामले में नकारात्मक धारणा को पीछे छोड़ दिया है। पहले कई उद्यमी यूपी में निवेश को लेकर हिचकते थे, लेकिन उन्होंने उद्योग जगत से वादा किया कि नया उत्तर प्रदेश बदल चुका है। इसी भरोसे का परिणाम रहा कि रोड शो में ढाई लाख करोड़ के प्रस्ताव मिले, पहले इन्वेस्टर समिट में यह आंकड़ा लगभग 4.75 लाख करोड़ पहुंचा और 2023 की तीसरी इन्वेस्टर समिट में यूपी को कुल 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अब तक राज्य को 45 लाख करोड़ के प्रस्ताव मिल चुके हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ की परियोजनाएं जमीन पर उतरकर उत्पादन शुरू कर चुकी हैं।
अंत में सीएम योगी ने बताया कि करीब 5 लाख करोड़ रुपए की नई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं और जल्द ही ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के अगले संस्करण का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास में मिली यह उपलब्धि यूपी के लिए एक नया मील का पत्थर है और डबल इंजन सरकार ने राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।

