प्रदेश में जहरीली कफ सिरप के बाद अब मिठाई और बेकरी उत्पाद भी लोगों की सेहत के लिए खतरा बनते जा रहे हैं, जहां मिलावटी और खतरनाक खाद्य पदार्थ खुलेआम बेचे जा रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं। मिलावटखोर बेखौफ होकर लोगों की जान से खेल रहे हैं और प्रशासन की कार्रवाई केवल कागजों और बयानों तक सीमित नजर आ रही है।
ताजा मामला नगर क्षेत्र के पुराने बाजार का है, जहां जन्मदिन की पार्टी के लिए मंगवाया गया केक खाने के बाद कई बच्चों की हालत अचानक बिगड़ गई। केक खाते ही बच्चों को उल्टी, चक्कर और तेज बेचैनी होने लगी, जिससे परिजनों में अफरा-तफरी मच गई। घबराए परिजनों ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उम्मीद के विपरीत न तो जांच शुरू हुई और न ही किसी तरह की सख्त कार्रवाई की गई।
हैरानी की बात यह रही कि कार्रवाई करने के बजाय अधिकारियों ने दोनों पक्षों को बुलाकर जबरन समझौता करा दिया और जहरीले खाद्य पदार्थ बेचने वालों को खुला छोड़ दिया गया। ना केक की जांच हुई, ना दोषियों पर केस दर्ज हुआ। यह घटना हापुड़ में मिलावट माफिया के बढ़ते हौसले और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करती है, जहां लोगों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है और सिस्टम मूकदर्शक बना बैठा है।

