सागर। मध्य प्रदेश में ‘SIR’ सर्वे से जुड़ा दबाव एक बार फिर जानलेवा साबित हुआ है, सागर में पदस्थ महिला शिक्षिका लक्ष्मी जारोलिया की इलाज के दौरान मौत हो गई, वहीं मृतिका के बेटे ने आरोप लगाया है कि सर्वे के दौरान उनकी मां पर रात 12 बजे तक रिपोर्ट तैयार करने, फॉर्म भरने और जानकारी भेजने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था, जिसके चलते वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट चुकी थीं।
प्राथमिक शाला निवारी में पदस्थ लक्ष्मी जारोलिया की करीब दस दिन पहले तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, बीएलओ ड्यूटी और एसआईआर सर्वे के अत्यधिक तनाव के चलते उन्हें हार्ट अटैक आया, जिसके बाद उन्हें सागर और भोपाल के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हो सका और रविवार को इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
मृतिका के बेटे देवांशु जारोलिया ने बताया कि उनकी मां पिछले चार से पांच सालों से बीएलओ का काम कर रही थीं और एसआईआर सर्वे के समय उन पर लगातार मानसिक दबाव था, मोबाइल सही से न चलने के कारण तकनीकी काम में दिक्कत आती थी, इसके बावजूद उनसे सुबह से देर रात तक रिपोर्ट तैयार करने और ऑनलाइन फॉर्म भरने का दबाव रहता था, इसी तनाव के बीच सर्वे कार्य के दौरान ही उनकी तबीयत गंभीर रूप से बिगड़ गई।
लक्ष्मी जारोलिया परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थीं, उनके पति का पहले ही निधन हो चुका था और पीछे दो बेटियां और एक बेटा हैं, जिनमें बड़ी बेटी और बेटे की शादी हो चुकी है, इस दुखद घटना से पूरा परिवार सदमे में है, वहीं शिक्षकों पर लगातार बढ़ रहे बीएलओ और सर्वे कार्यों के दबाव को लेकर एक बार फिर प्रशासन और विभागीय व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

