भोपाल: मानसरोवर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के विभिन्न संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बेहतर इस्तेमाल कर अपने ज्ञान और प्रैक्टिकल अनुभव को नई दिशा दे सकेंगे। इस हेतु एमजीआई द्वारा रूहिल फ्यूचर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के बीच बुधवार को एमओयू साइन हुआ, जिसमें एआई लैब और इन्क्यूबेशन सेंटर तैयार किए जाने की कार्ययोजना बनाई गई।

बैठक को संबोधित करते हुए मानसराेवर ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. पुष्पेंद्र तिवारी ने बताया कि एमओयू का उद्देश्य एमजीआई और आरएफ़टी के बीच ज्ञानसेतु एआई प्रोजेक्ट, एआई लैब, एआई ट्रेनिंग और इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता और प्रोडक्टिविटी को बढ़ाना है। इससे पहले मानसरोवर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चीफ़ एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर इंजी. गौरव तिवारी ने बताया कि मानसरोवर शिक्षण संस्थान समूह का यह प्रयास रहता है कि विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान की जाए और इसी क्रम में समूह द्वारा ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस’ नाम से एआई लैब तैयार की जाएगी। रूहिल फ्यूचर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड से आए चीफ़ एआई आर्किटेक्ट अमित परमार ने बताया कि आरएफ़टी योग्य विशेषज्ञों और प्रशिक्षकों के नेतृत्व में प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करेगा। वहीं उद्योग और अनुसंधान के रुझानों के अनुसार समय-समय पर पाठ्यक्रम को अपडेट भी किया जाएगा। बैठक में मानसरोवर डेंटल कॉलेज के डीन बी. गुरुदत्त नायक और मानसरोवर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग सिंह राजपूत ने मेडिकल क्षेत्र में एआई से जुड़ी संभावनाओं और नवाचारों पर चर्चा की। इस दौरान एआई इंजिनियर अनिरुद्ध वत्स, एआई रिसर्चर दिव्यांश गुप्ता सहित फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट की डीन डॉ. मीनाक्षी श्रीवास्तव, फैकल्टी ऑफ जर्नलिज़्म एंड मास मीडिया की डीन डॉ. सुधा कुमार और पी.आर.ओ. हिमांशु पाण्डेय मौजूद रहे।

