बिहार की राजनीति में आज एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है।
भूमिहार समाज के कद्दावर नेता पूर्व सांसद अरुण कुमार अब जनता दल (यूनाइटेड) में लौट आए हैं — और इस बार अपने बेटे ऋतुराज के साथ।
पटना में जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में हुए कार्यक्रम में अरुण कुमार और उनके बेटे ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई,
और इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह भी मौजूद रहे।
अरुण कुमार की यह जेडीयू में तीसरी पारी है।
राजनीति में वे कोई नया नाम नहीं हैं — जनता पार्टी के समय से ही वे नीतीश कुमार के करीबी रहे हैं।
हालांकि बीच में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और बहुजन समाज पार्टी (BSP) से जहानाबाद लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था।
अब वे दोबारा नीतीश कुमार के साथ लौट आए हैं, और इसे जेडीयू के लिए मगध क्षेत्र में बड़ा राजनीतिक लाभ माना जा रहा है।
कार्यक्रम में संजय झा ने कहा —
“हमारे पुराने साथी अरुण कुमार और उनके बेटे के आने से जहानाबाद ही नहीं, पूरे मगध इलाके में जेडीयू और मजबूत होगी। जनता विकास को चुन चुकी है, और इस बार भी सीएम नीतीश कुमार के काम पर भरोसा जताएगी।”
वहीं केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी उनका स्वागत करते हुए कहा —
“समता पार्टी के जमाने से अरुण बाबू हमारे साथ रहे हैं। बीच में अलग जरूर हुए, लेकिन अब घर वापसी कर चुके हैं।
जनता दल (यू) में उन्हें पूरा सम्मान मिलेगा — वही मान-सम्मान जिसके वे हकदार हैं।”
अरुण कुमार की यह वापसी जेडीयू के लिए चुनावी मौसम से पहले एक राजनीतिक टॉनिक साबित हो सकती है,
क्योंकि भूमिहार वोट बैंक में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि अरुण कुमार की यह तीसरी पारी जेडीयू के लिए कितनी कामयाब साबित होती है —
पर इतना तो तय है, बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है!

