भोपाल। लोकसभा सदन में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि खाद वितरण गड़बड़ी के मामलों में मध्य प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है, लेकिन इस रिपोर्ट के सामने आते ही प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पेश किए गए आंकड़ों पर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने सीधे तौर पर सवाल खड़े कर दिए हैं और उन्हें गलत करार दिया है। एदल सिंह कंसाना का कहना है कि ये किस बात के आंकड़े हैं, किसने दिए हैं, प्रदेश में खाद वितरण या गुणवत्ता को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं है और गलत आंकड़े पेश किए जा रहे हैं।
कृषि मंत्री ने कांग्रेस के आरोपों को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जहां-जहां शिकायतें मिली हैं, वहां कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस मामले में जांच का कोई विषय नहीं बनता और सरकार किसानों तक घर-घर खाद पहुंचाने का काम कर रही है। उनके मुताबिक प्रदेश में खाद की न तो कमी है और न ही वितरण में कोई बड़ी गड़बड़ी।
वहीं इस मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर ने कहा कि वे स्वयं किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और जमीनी स्तर पर हालात देख चुके हैं। उनका आरोप है कि तहसील और ब्लॉक स्तर पर खाद की भारी किल्लत और कालाबाजारी हो रही है, किसान चार-चार दिन लाइन में लगकर भूखे-प्यासे खड़े रहते हैं। दिनेश गुर्जर ने कहा कि जब केंद्र सरकार और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद संसद में रिपोर्ट पेश कर रहे हैं, तो प्रदेश के कृषि मंत्री का उसे झूठा बताना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस विधायक ने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में किसानों के साथ हमेशा छल किया गया है और अगर केंद्र सरकार खुद समस्या स्वीकार कर रही है तो प्रदेश सरकार को भी सच्चाई मानकर सुधार की दिशा में कदम उठाने चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस पूरे मामले को सदन में उठाया जाएगा और कृषि मंत्री का बयान किसानों का अपमान करने वाला और निंदनीय है।

