भोपाल। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी SIR प्रक्रिया के तहत राजधानी भोपाल में बड़ा बदलाव सामने आ रहा है, जहां करीब चार लाख चवालीस हजार मतदाताओं के नाम कटने की कगार पर पहुंच गए हैं।
इस प्रक्रिया में एक लाख बाइस हजार से ज्यादा वोटरों को ‘नो मैपिंग’ श्रेणी में रखा गया है, क्योंकि इनका या इनके परिवार का वर्ष 2003 की मतदाता सूची में कोई रिकॉर्ड नहीं मिल पाया है। इन सभी मतदाताओं को 18 दिसंबर के बाद नोटिस भेजे जाएंगे, जिसके बाद उन्हें सुनवाई का पूरा मौका दिया जाएगा ताकि वे अपने दस्तावेज पेश कर नाम सुरक्षित रख सकें।
जिला निर्वाचन कार्यालय ने इसके लिए व्यापक व्यवस्था की है और शहर के 85 वार्डों में हेल्प डेस्क बनाए गए हैं, जहां 102 सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तैनात रहेंगे और दस्तावेजों की जांच के साथ मतदाताओं की सुनवाई करेंगे।
इसी बीच राहत की खबर यह है कि अब तक 16 लाख 81 हजार 325 मतदाताओं के गणना पत्रक सफलतापूर्वक डिजिटाइज किए जा चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर, मृतक, स्थानांतरित या डुप्लीकेट पाए गए लगभग चार लाख चवालीस हजार नाम मतदाता सूची से हटाए जाने की प्रक्रिया में हैं। निर्वाचन अधिकारियों का साफ कहना है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम गलत तरीके से नहीं काटा जाएगा और नो मैपिंग श्रेणी में आए हर वोटर को अपनी पहचान साबित करने का पूरा अवसर दिया जाएगा।

