पिता के संस्कारों से जन्मी सुरों की साधना, 9 साल का ‘संस्कार’ बना भजन गायन का चमत्कार

देशभर में आपने कई भजन गायकों को सुना होगा जो अपनी आवाज से श्रोताओं को भाव-विभोर कर देते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के सीहोर जिले से सामने आई यह कहानी हर किसी को चौंका देती है, जहां महज 9 साल का एक बच्चा अपनी मधुर आवाज और हारमोनियम की संगत से लोगों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

आवाज ऐसी कि सुनने वाला ठहर जाए, हुनर ऐसा कि यकीन करना मुश्किल
जब संस्कार भजन गाता है और हारमोनियम पर उंगलियां चलाता है तो सामने बैठे लोग अपनी आंखों और कानों पर यकीन नहीं कर पाते, इतनी कम उम्र में उसकी गायकी और वाद्ययंत्र पर पकड़ किसी अनुभवी कलाकार जैसी लगती है।

इछावर के छोटे से गांव से निकला बड़ा सुर
सीहोर जिले की इछावर तहसील के छोटे से गांव खेरी का रहने वाला संस्कार वर्मा अपने पिता से मिले संस्कारों और संगीत प्रेम के कारण आज क्षेत्र का चर्चित भजन गायक बन चुका है, जब भी वह मंच पर भजन प्रस्तुत करता है तो पूरा माहौल भक्ति और शांति से भर जाता है।

पांचवीं का छात्र, हजारों भजन कंठस्थ
कक्षा पांचवीं में पढ़ने वाले संस्कार को दो हजार से अधिक भजन कंठस्थ याद हैं, साथ ही सैकड़ों दोहे और छंद भी उसकी जुबान पर रहते हैं, जो उसकी असाधारण स्मरण शक्ति और साधना को दर्शाता है।

सीमाओं से आगे गूंज चुकी है संस्कार की आवाज
इस नन्हे भजन गायक की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अपने आसपास के जिलों के साथ-साथ राजस्थान सहित अन्य राज्यों में भी अपनी प्रस्तुतियां दे चुका है और हर जगह श्रोताओं का दिल जीत चुका है।

संघर्ष के बीच बड़े मंच का सपना
हालांकि प्रतिभा के बावजूद परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण संस्कार को अब तक कोई बड़ा मंच नहीं मिल पाया है, लेकिन उसकी साधना, सुर और संस्कार यह साफ संकेत दे रहे हैं कि सही अवसर मिलते ही यह बाल कलाकार भजन गायन की दुनिया में नई पहचान बनाने को तैयार है।

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