लखनऊ. मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल में बच्चों को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाए जाने का गंभीर मामला सामने आने के बाद अब यह मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है, विपक्ष लगातार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहा है और अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही पर भी गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
बच्चों के साथ लापरवाही पर अखिलेश का तीखा हमला
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले को लेकर चिकित्सा व्यवस्था पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि बच्चों जैसे संवेदनशील मरीजों के साथ हुई इस लापरवाही के पीछे की वजहों की गहराई से जांच होनी चाहिए और यह भी देखा जाना चाहिए कि कहीं इसके पीछे भ्रष्टाचार तो नहीं छिपा है।
“पैसे लेकर अप्रशिक्षित लोगों को सौंप दिया जाता है काम”
अखिलेश यादव ने कहा कि आज के समय में चिकित्सा क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार फैल चुका है, जहां पैसे लेकर अप्रशिक्षित लोगों को जिम्मेदार काम सौंप दिए जाते हैं, जिन्हें न तो सही जानकारी होती है और न ही जिम्मेदारी का एहसास, और ऐसे ही कारणों से सतना जैसे दर्दनाक कांड सामने आते हैं।
चार महीने पहले सामने आया मामला, फिर भी नहीं हुई कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता इस बात से भी समझी जा सकती है कि अस्पताल प्रबंधन के सामने यह प्रकरण चार महीने पहले ही आ चुका था, इसके बावजूद एचआईवी संक्रमित ब्लड डोनर को अब तक ट्रेस नहीं किया जा सका और तय प्रोटोकॉल के तहत ब्लड डोनर चेन की जांच भी नहीं की गई।
जिम्मेदार संस्थानों की लापरवाही पर सवाल
अस्पताल प्रबंधन, ब्लड बैंक और एचआईवी प्रबंधन के लिए स्थापित आईसीटीसी सेंटर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है, क्योंकि बच्चों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी इन संस्थानों ने आवश्यक सतर्कता और कार्रवाई नहीं की।
कलेक्टर ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट, जांच के संकेत
मामले की गंभीरता को देखते हुए सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने सीएमएचओ से इस पूरे प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है, जिससे यह संकेत मिल रहे हैं कि अब इस संवेदनशील मामले की गहन जांच हो सकती है और लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की उम्मीद बढ़ गई है।

