सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल में छह बच्चों के एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद हड़कंप मच गया है और अब इस मामले में बड़े ब्लड रैकेट का खुलासा हुआ है। प्रशासन ने अवैध ब्लड दलाली करने वाले गिरोह पर कार्रवाई करते हुए तीन दलालों को गिरफ्तार किया है। इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ सिटी एसडीएम राहुल सिलाडिया के कराए गए स्टिंग ऑपरेशन से हुआ, जिसने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी।
जानकारी के मुताबिक, सिटी एसडीएम राहुल सिलाडिया को अस्पताल के बाहर ब्लड की अवैध खरीद-फरोख्त की सूचना मिली थी। इसके बाद उन्होंने अपने वाहन चालक के माध्यम से एक स्टिंग ऑपरेशन कराया। स्टिंग के दौरान 4500 रुपये में ब्लड उपलब्ध कराने की डील तय हुई और जैसे ही पैसा लिया गया, प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर दलाल को रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई में अब तक तीन आरोपी गिरफ्त में आ चुके हैं।
यह मामला सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र का है, जहां तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। प्रशासन का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान कर जल्द कार्रवाई की जाएगी। पकड़े गए दलालों से लगातार पूछताछ की जा रही है कि वे डोनर कहां से लाते थे और इस पूरे नेटवर्क में कौन-कौन शामिल है।
इस गंभीर मामले की जांच अब कई स्तरों पर की जा रही है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन यानी CDSCO की टीम पिछले दो दिनों से सतना में डटी हुई है, जबकि गुरुवार को राज्य स्तरीय जांच टीम भी सतना पहुंच गई। इसके अलावा जिला स्तर पर भी एक अलग जांच समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है। राज्य जांच टीम ने पहुंचते ही जिला अस्पताल के आईसीटीसी यानी इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर से जांच की शुरुआत की।
स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के निर्देश पर गठित छह सदस्यीय राज्य स्तरीय जांच दल में रीवा संभाग के क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ. एसबी अवधिया, डिप्टी डायरेक्टर ब्लड सेल डॉ. रूबी खान, एम्स भोपाल के ब्लड ट्रांसफ्यूजन विशेषज्ञ डॉ. रोमेश जैन, सीनियर विशेषज्ञ डॉ. सीमा नवेद, सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर संजीव जादोन और ड्रग इंस्पेक्टर प्रियंका चौबे शामिल हैं। यह टीम जिला अस्पताल के ब्लड बैंक और आईसीटीसी सेंटर में तैनात नोडल अधिकारियों से जवाब तलब करेगी।
जांच के दौरान ब्लड संग्रहण, स्क्रीनिंग, भंडारण और वितरण से जुड़े सभी रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं, ताकि यह साफ हो सके कि लापरवाही कहां और कैसे हुई। इससे पहले CDSCO की दो सदस्यीय टीम भी ब्लड बैंक की गहन जांच कर चुकी है, जिसमें रीवा मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. लोकेश त्रिपाठी भी शामिल हैं।
इधर, इस मामले को लेकर जिला अस्पताल परिसर में युवा कांग्रेस और NSUI ने धरना प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारियों ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एफआईआर की मांग की, वहीं एसडीएम राहुल सिलाडिया ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को समझाइश दी।
गौरतलब है कि सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक से बच्चों को ऐसा खून चढ़ाया गया, जो एचआईवी संक्रमित था। इस लापरवाही के चलते छह बच्चे एचआईवी पॉजिटिव हो गए। ये सभी बच्चे पहले से ही थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थे और जीवन बचाने के लिए नियमित रूप से खून चढ़ाने पर निर्भर थे। लगातार हो रही जांच से साफ है कि प्रशासन इस संवेदनशील मामले को लेकर बेहद गंभीर है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।

