भोपाल। मध्य प्रदेश की 32 सरकारी वेबसाइटों पर एक साथ साइबर अटैक की कोशिश की गई, जिसमें डार्क वेब के जरिए रैनसमवेयर हमला बताया जा रहा है। राज्य की सरकारी वेबसाइटों की सुरक्षा और देखरेख की जिम्मेदारी संभालने वाली एमपीआरडीसी ने तकनीकी टीम के साथ त्वरित कार्रवाई करते हुए महज 48 घंटे के भीतर इस साइबर अटैक को पूरी तरह फेल कर दिया। राहत की बात यह रही कि इस हमले से किसी भी सरकारी वेबसाइट या डेटा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
एमपीआरडीसी अधिकारियों के मुताबिक यह साइबर अटैक एक चेतावनी या धमकी की तरह देखा जा रहा है। अफसरों का कहना है कि समय रहते सुरक्षा उपायों को सक्रिय कर लिया गया था, जिससे हैकर्स अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सके। तकनीकी टीम लगातार वेबसाइटों की निगरानी कर रही है और सुरक्षा को और मजबूत किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार इस तरह का साइबर अटैक सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं था, बल्कि अन्य राज्यों में भी ऐसी कोशिशें सामने आई थीं। साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि जब हैकर्स इस तरह का हमला करते हैं तो कई बार सरकारी या सामान्य वेबसाइट खोलने पर यूजर को सीधे किसी अवैध या बेटिंग साइट पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है। इस हमले के दौरान करीब 10 वेबसाइटों पर असर दिखने की बात सामने आई थी, लेकिन समय रहते स्थिति को संभाल लिया गया।
रैनसमवेयर अटैक एक खतरनाक साइबर हमला होता है, जिसमें हैकर्स मैलवेयर के जरिए कंप्यूटर या नेटवर्क की फाइलों को लॉक कर देते हैं और उन्हें खोलने के बदले फिरौती की मांग करते हैं। आमतौर पर यह फिरौती क्रिप्टोकरेंसी में मांगी जाती है और भुगतान न करने पर डेटा को हमेशा के लिए नष्ट या सार्वजनिक करने की धमकी दी जाती है। ऐसे हमले से संस्थानों को भारी आर्थिक और तकनीकी नुकसान उठाना पड़ सकता है, लेकिन मध्य प्रदेश में इस बार सतर्कता ने बड़े खतरे को टाल दिया।

