खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले को मिले जल संरक्षण राष्ट्रपति पुरस्कार को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में अवॉर्ड से जुड़े दावों को लेकर तरह-तरह की पोस्ट वायरल हो रही हैं। अब इस पूरे मामले पर खंडवा जिला प्रशासन ने सामने आकर स्थिति स्पष्ट की है और सभी आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है।
JSJB कार्यक्रम के तहत मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार
जिला प्रशासन ने साफ किया है कि खंडवा जिले को जल संचय जन भागीदारी यानी JSJB कार्यक्रम के तहत देश में सबसे अधिक जल संरक्षण कार्यों के निर्माण के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। प्रशासन के अनुसार इस कार्यक्रम के लिए एक अलग और समर्पित पोर्टल बनाया गया था, जहां ब्लॉक और जिला स्तर पर गहन जांच के बाद केवल सत्यापित तस्वीरें ही अपलोड की गई थीं।
1 लाख 25 हजार से ज्यादा जल संरक्षण कार्यों का दावा
प्रशासन का कहना है कि JSJB कार्यक्रम के अंतर्गत खंडवा जिले में 1 लाख 25 हजार से अधिक जल संरक्षण कार्य किए गए, और इन्हीं ठोस आंकड़ों के आधार पर जिले को यह सम्मान प्रदान किया गया।
AI जनरेटेड तस्वीरें दूसरे पोर्टल पर हुई थीं अपलोड
जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ‘कैच द रेन’ यानी CTR नाम का एक अलग पोर्टल है, जिस पर जल संरक्षण से जुड़ी आईईसी यानी शैक्षणिक और प्रेरणात्मक तस्वीरें अपलोड की जाती हैं। प्रशासन के संज्ञान में आया है कि CTR पोर्टल पर करीब 20 एआई से जनरेट की गई तस्वीरें अपलोड की गई थीं।
AI फोटो अपलोड करने वालों पर होगी कार्रवाई
प्रशासन ने कहा है कि इन एआई जनित तस्वीरों को अपलोड करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और पूरे मामले की जांच जारी है। प्रशासन ने दो टूक कहा कि CTR पोर्टल और JSJB पोर्टल दोनों पूरी तरह अलग हैं और CTR पर अपलोड की गई तस्वीरों का JSJB पुरस्कार से कोई लेना-देना नहीं है।
भ्रामक खबरों से बचने की अपील
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के गंभीर आरोप लगाने से पहले तथ्यों की सही जानकारी जरूर लें और भ्रामक खबरें फैलाने से बचें।

