ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 15 अक्टूबर को होने वाला आंदोलन अब टल गया है। आंदोलन की घोषणा करने वालों ने खुद ही इसे वापस ले लिया है। एसपी धर्मवीर सिंह यादव ने बताया कि जिन लोगों ने प्रोटेस्ट का ऐलान किया था, उन्होंने अब लिखित में पुलिस को कॉल ऑफ ज्ञापन सौंपते हुए आंदोलन रद्द करने की सूचना दी है। सोशल मीडिया पर चल रही विरोध की कॉल के बाद पुलिस प्रशासन और आयोजकों के बीच हुई बातचीत के बाद यह बड़ा फैसला लिया गया है।
पुलिस प्रशासन ने आंदोलन से जुड़े संगठनों को भरोसा दिलाया है कि कानून तोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद त्योहार के मौसम को देखते हुए पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रखी गई है। कलेक्टर रुचिका चौहान द्वारा धारा 163 के तहत जारी आदेश आगामी आदेश तक प्रभावी रहेगा, यानी धरना, प्रदर्शन, जुलूस या किसी भी तरह की रैली पर पूरी तरह से रोक जारी रहेगी।
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट अनिल मिश्रा ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने अंबेडकर को अंग्रेजों का एजेंट बताते हुए सर बी.एन. राव को असली संविधान निर्माता बताया था। इस बयान के बाद अंबेडकर समर्थकों में गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की।
पुलिस ने अनिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ बयान देने की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर अंबेडकर समर्थकों और बी.एन. राव समर्थकों के बीच जमकर तनातनी शुरू हो गई। दोनों पक्षों के बीच चेतावनी भरे मैसेज वायरल होने लगे, जिसके चलते प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया। फिलहाल आंदोलन स्थगित होने के बावजूद शहर में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम बरकरार हैं ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।

