पटना। बिहार में लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो चुका है। विधानसभा चुनाव 2025 की नामांकन प्रक्रिया जोरों पर है। 10 अक्टूबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया के पांचवें दिन तक कुल 41 प्रत्याशी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से नामांकन दाखिल कर चुके हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, नामांकन की आखिरी तारीख 17 अक्टूबर, स्क्रूटनी 18 अक्टूबर और नाम वापसी की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर तय की गई है।
चुनावी माहौल हर गुजरते दिन के साथ और गरमाता जा रहा है। कल यानी चौथे दिन ही 39 उम्मीदवारों ने अपने पर्चे भरे। राजधानी पटना की 14 सीटों पर नामांकन की प्रक्रिया सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक जारी रही। इसके लिए समाहरणालय, पटना सिटी, दानापुर, मसौढ़ी, पालीगंज और बिक्रम में विशेष नामांकन केंद्र बनाए गए हैं।
सुरक्षा और व्यवस्था की बात करें तो चुनाव आयोग पूरी तरह सतर्क है। राज्यभर में 8.5 लाख से ज्यादा कर्मियों की तैनाती की जा चुकी है। फ्लाइंग स्क्वॉड, निगरानी टीम, आबकारी, पुलिस, आयकर और नारकोटिक्स विभाग — सभी एजेंसियां सक्रिय हैं ताकि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो।
चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है और इसके साथ ही सख्त कार्रवाई भी शुरू हो गई है। अब तक नकद, शराब, ड्रग्स, कीमती धातु और फ्रीबीज़ मिलाकर कुल 25.14 करोड़ रुपये की अवैध वस्तुएं ज़ब्त की जा चुकी हैं।
इसमें 78 लाख नकद, 12 करोड़ से ज्यादा की शराब, 4.42 करोड़ के नशीले पदार्थ, 2.78 करोड़ की कीमती धातु, और 5.14 करोड़ के अन्य सामान शामिल हैं।
सिर्फ 13 अक्टूबर को ही 2.46 करोड़ रुपये मूल्य के अवैध सामान की जब्ती हुई। इसमें 1.3 करोड़ की शराब और करीब 69 लाख के नशीले पदार्थ मिले हैं।
वहीं, असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन ने अब तक 556 गिरफ्तारियां की हैं। इसके अलावा 2.6 लाख लोगों से बंध-पत्र भरवाए गए ताकि चुनाव के दौरान शांति बनी रहे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मतदाताओं को भयमुक्त माहौल दिया जाए और किसी भी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाए। हर स्तर पर निगरानी रखी जा रही है ताकि चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हो सके।
जैसे-जैसे तारीखें नज़दीक आ रही हैं, बिहार में लोकतंत्र का जश्न और तेज़ होता जा रहा है। नामांकन की रफ्तार, सुरक्षा के इंतज़ाम और आयोग की सख्ती — सब मिलकर बता रहे हैं कि इस बार का चुनाव सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था की एक बड़ी परीक्षा भी होने वाला है।

