भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में अब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बच्चों की मौत का जिम्मेदार डॉक्टर सिर्फ 8 रुपए की लालच में मासूमों की जिंदगी से खेलता रहा। डॉक्टर प्रवीण सोनी ने खुद कोर्ट में स्वीकार किया है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप लिखने के बदले उसे 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था।
डॉक्टर ने अपने बयान में बताया कि हर एक सिरप की बोतल पर उसे 8 रुपए का कमीशन दिया जाता था। यानी कुछ पैसों के लालच में उसने ऐसी दवा बच्चों को लिख दी, जो आखिरकार जहर साबित हुई।
इतना ही नहीं, जांच में यह भी सामने आया है कि ये दवाइयां डॉक्टर की पत्नी ज्योति सोनी और उसके भतीजे की मेडिकल दुकान से बेची जाती थीं। यानी पूरा परिवार इस घातक सौदे का हिस्सा था। डॉक्टर का क्लीनिक और उसकी पत्नी की मेडिकल दुकान — दोनों एक ही जगह पर थे।
कोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए डॉ. प्रवीण सोनी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
आपको बता दें, इस जहरीले कफ सिरप के सेवन से अब तक 25 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। परासिया के सिविल अस्पताल में बच्चों का इलाज करने वाला वही डॉक्टर, उनकी मौत की वजह बन गया।
फिलहाल इस पूरे मामले की जांच जारी है, लेकिन अब एक बात साफ हो गई है — 8 रुपए की लालच ने 25 मासूम जिंदगियां लील लीं।

